नई दिल्ली : कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से रेप के हत्या मामले बवाल बढ़ता ही जा रहा है. छात्रों के प्रदर्शन के बाद ममता सरकार लगातार घिरती जा रही रही है. इस बीच पीड़िता से जुड़े तीन नए ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.
बता दें कि ये ऑडियो पीड़िता की मौत के बाद उनके माता-पिता और डॉक्टर से बातचीत से जुड़ा हैं. ऑडियो से पता चल रहा है कि कैसे अस्पताल के डॉक्टरों ने रेप के बाद हत्या के मामले में परिजनों से लगातार झूठ पर झूठ बोल रहे हैं. यह कॉल परिजनों को बेटी की मौत की घटना के बारे में जानकारी देने से जुड़े हैं.
पहला कॉल मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने डॉक्टर बिटिया के पिता को सुबह 10:53 पर किया था.
कॉलर: आपकी बेटी की तबियत काफी खराब है, प्लीज आप जल्द से जल्द अस्पताल आ जाइये.
पिता: प्लीज बताईये क्या हुआ है उसको.
कॉलर: यह तो डॉक्टर ही बताएंगे. प्लीज आप अस्पताल आ जाइये.
पिता: आप कौन हैं?
कॉलर: मैं असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट हूं. डॉक्टर नहीं हूं.
पिता: क्या वहां कोई डॉक्टर नहीं है?
कॉलर: मैं असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट हूं. आपकी बेटी को इमरजेंसी में लाया गया है. आप यहां आइये और हमसे बात संपर्क कीजिए.
मां: उसे क्या हुआ है. वो तो ड्यूटी पर थी?
कॉलर: आज जल्दी आइये.
दूसरी कॉल आरजी कर अस्पताल प्रशासन से आया.
कॉलर: मैं आरजी कर अस्पताल से बोल रहा हूं.
मां: हांजी बताईये.
कॉलर: आप अस्पताल आ रहे हैं ना?
मां: हां हम आ रहे हैं. कैसी है वो?
कॉलर: आप आइये, हम बात करेंगे. आरजी कर अस्पताल के चेस्ट डिपार्टमेंट के एचओडी के पास आना.
मां: ओके.
तीसरी कॉल में माता-पिता को बेटी की मौत की जानकारी दी गई.
पिता: हैलो.
कॉलर: मैं असिस्टेंट सुप्रिटेंडेंट बोल रहा हूं.
पिता: जी बोलिए.
कॉलर: मामला यह है कि शायद आपकी बेटी आत्महत्या कर मर चुकी है. पुलिस यहां पर है. हम सभी यहां पर हैं. प्लीज जल्दी से जल्दी यहां आइये.
पिता: हम तुरंत वहां पहुंच रहे हैं. (बैकग्राउंड में मां की चीखने की आवाज आते हुए कि मेरी बेटी अब नहीं रही.)
माता-पिता को किया गुमराह
मामले में अस्पताल प्रशासन ने पीड़िता के माता-पिता के साथ बातचीत कर गुमराह किया. काफी समय तक बेटी की मौत की बात छिपाकर रखी. इस पर पीड़िता के परिजनों ने हाईकोर्ट में अपनी याचिका में कहा कि उन्हें तीन घंटे तक इंतजार कराया गया. उन्हें संदेह है कि यह देरी जानबूझकर की गई थी. हालांकि, कोलकाता पुलिस ने इसका विरोध किया है. दावा है कि माता-पिता दोपहर 1 बजे अस्पताल पहुंचे और उन्हें 10 मिनट बाद सेमिनार हॉल ले जाया गया, जहां डेड-बॉडी मिला थी.
कोर्ट ने लिया संज्ञान
महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले मामले में कोर्ट ने भी सवाल किया है और तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के नेतृत्व में अस्पताल प्रशासन ने औपचारिक पुलिस शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई. जिसके चलते पुलिस को अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज करना पड़ा. पीड़िता के पिता द्वारा औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के बाद ही देर रात एफआईआर दर्ज की गई.