केदारनाथ धाम की कठिन चढ़ाई अब आसान होने जा रही है : गौतम अदाणी

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नई दिल्ली । अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने बुधवार को सोनप्रयाग को केदारनाथ से जोड़ने वाली रोपवे परियोजना का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि केदारनाथ धाम की कठिन चढ़ाई अब आसान होने जा रही है। गौतम अदाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “केदारनाथ धाम की कठिन चढ़ाई अब आसान होगी। अदाणी समूह श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए यह रोपवे बना रहा है।”
उन्होंने आगे लिखा, “इस पुण्य कार्य का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व की बात है। महादेव सब पर अपनी कृपा बनाए रखें। जय बाबा केदारनाथ!”
गौतम अदाणी द्वारा शेयर किए गए वीडियो में बताया गया है कि केदारनाथ की यात्रा लाखों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, लेकिन कठिन रास्ते, अप्रत्याशित मौसम और लंबा समय इसे चुनौतीपूर्ण बनाते हैं। वहीं, अब अदाणी ग्रुप आस्था को सुविधा से जोड़ने के लिए एक बड़ा कदम उठा रहा है।
12.9 किलोमीटर सोनप्रयाग-केदारनाथ रोपवे के साथ इस कठिन यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर मात्र 36 मिनट रह जाएगा। हर घंटे 1800 यात्री प्रति दिशा में यात्रा कर सकेंगे। इस रोपवे की कोंडोला में 35 सीटों की व्यवस्था होगी। यह भारत का पहला 3एस ट्राई केबल रोपवे बनेगा, जो विश्व की सबसे सुरक्षित और अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित होगा।
वीडियो में बताया गया है कि यह रोपवे यात्रियों की यात्रा का समय बचाएगा और सुरक्षित, सुगम यात्रा का अनुभव देगा। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे आसानी से दर्शन कर पाएंगे। पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
अदाणी ग्रुप के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण चुनौती है, लेकिन अदाणी ग्रुप ने सतत निर्माण, मंजूरी और स्थानीय भागीदारी का वादा किया है ताकि प्रकृति और आस्था का संतुलन बना रहे। जब आस्था की राह आसान और सुरक्षित होगी तभी भारत की विरासत पहले से अधिक मजबूत होगी।
इससे पहले अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) की ओर से जानकारी दी गई थी कि इस परियोजना पर कुल 4,081 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
कंपनी की पहली रोपवे परियोजना को पूरा होने में छह वर्ष का समय लगेगा और निर्माण के बाद 29 वर्षों तक एईएल इसका संचालन करेगा।
इसका निर्माण अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का रोड्स, मेट्रो, रेल और वॉटर डिवीजन (आरएमआरडब्ल्यू) करेगा।
यह रोपवे नेशनल रोपवे डेवलपमेंट प्रोग्राम ‘पर्वतमाला परियोजना’ का हिस्सा है। इस परियोजना से कनेक्टिविटी में सुधार के साथ-साथ क्षेत्र में रोजगार सृजन और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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