पूर्व ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ प्रदीप शर्मा को को उम्रकैद की सजा, फर्जी मुठभेड़ मामले में हत्या का है आरोप

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मुंबई : बंबई हाईकोर्ट ने पूर्व पुलिसकर्मी और मुंबई के विवादास्पद ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ प्रदीप शर्मा को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने मुंबई में गैंगस्टर छोटा राजन के करीबी सहयोगी रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया की वर्ष 2006 में फर्जी मुठभेड़ में हुई मौत के मामले में प्रदीप शर्मा को दोषी ठहराया, वहीं 13 अन्य आरोपियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा है.

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस गौरी गोडसे की बेंच ने कहा, ‘अभियोजन पक्ष ने साबित किया है कि गुप्ता को पुलिस द्वारा मार दिया गया था और इसे एक रियल एनकाउंटर की तरह दिखाया गया.’ कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ‘कानून के रक्षकों/संरक्षकों को वर्दी में अपराधियों के रूप में कार्य करने की इजाजत नहीं दी जा सकती और अगर इसकी इजाजत दी गई तो इससे अराजकता फैल जाएगी.’

बेंच ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने ‘विश्वसनीय, ठोस और कानूनी रूप से स्वीकार्य साक्ष्य’ के साथ फर्जी मुठभेड़ में गुप्ता के अपहरण, गलत तरीके से कैद किये जाने और हत्या को उचित संदेह से परे साबित किया है. हाईकोर्ट ने कहा, ‘हमने पाया है कि अभियोजन पक्ष ने बिना किसी संदेह के यह साबित किया है कि जब रामनारायण आरोपियों की कैद में था तो उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी और इसे छुपाने के लिए इसे वास्तविक मुठभेड़ का रंग दिया गया.’ बेंच ने सबूतों के अभाव में शर्मा को बरी करने के सत्र न्यायालय के 2013 के फैसले को रद्द कर दिया.

कौन हैं प्रदीप शर्मा?
प्रदीप शर्मा 1983 बैच के पुलिस अधिकारी हैं. वे मुंबई अंडरवर्ल्ड के खिलाफ अपनी मुहिम के लिए जाने जाते थे. उन्होंने दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन, अरुण गवली और अमर नाइक जैसे गैंगस्टर के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन अंजाम दिए. वर्ष 2010 में शर्मा को रामनारायण गुप्ता उर्फ लखन भैया की फर्जी मुठभेड़ में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था.

वर्ष 2017 में वह पुलिस फोर्स में फिर से शामिल हो गए और आगे चलकर तत्कालीन आयुक्त परमबीर सिंह के अधीन ठाणे पुलिस में एसीपी के रूप में कार्य किया. इसके दो ही साल बाद जुलाई 2019 में उन्होंने अविभाजित शिवसेना में शामिल होने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने मुंबई के नालासोपारा से विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें वह हार गए.

वर्ष 2021 में प्रदीप शर्मा को एंटीलिया विस्फोटक मामले और मनसुख हिरेन हत्या मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दूसरी बार गिरफ्तार किया गया था. शर्मा पर हिरन के शव को ठिकाने लगाने में शामिल होने का आरोप था.

12 पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक को भी उम्रकैद
हाईकोर्ट ने मंगलवार को 13 व्यक्तियों को निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराने और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाने को भी बरकरार रखा. इसमें 12 पुलिसकर्मी और एक नागरिक शामिल है.

दोषी ठहराए गए आरोपियों में पूर्व पुलिसकर्मी नितिन सरतापे, संदीप सरकार, तानाजी देसाई, प्रदीप सूर्यवंशी, रत्नाकर कांबले, विनायक शिंदे, देवीदास सपकाल, अनंत पटाडे, दिलीप पलांडे, पांडुराग कोकम, गणेश हरपुडे, प्रकाश कदम और एक नागरिक हितेश सोलंकी शामिल है.

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