शहरी जलापूर्ति योजना में नगर निगम कि अवैध कनेक्शन की भरमार, जांच को विभाग ने बनाई टीम

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सह्योग निगम: नगर निगम शहरी जलापूर्ति योजना के तहत वार्ड संख्या सात और आठ में बिछाई गई पाइपलाइन में अवैध कनेक्शनों की बाढ़ सी आ गई है। जो चाह रहा है, वही मेन पाइप से कनेक्शन ले ले रहा है। कोई देखने वाला नहीं है। स्‍थानीय लोगों का ही कहना है कि विभाग जांच कराकर अवैध कनेक्शनधारियों पर जब तक कारवाई नहीं करता है, तब तक यह प्रचलन रुकने नहीं जा रहा है।

इस अवैध कनेक्शन से निगम को लाखों रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। सिर्फ लोयाबाद रेलवे लाइन से मोड़ व सेंद्रा तक दर्जनों लोगों ने अवैध कनेक्शन ले रखा है। इतने कनेक्शन हो जाने के बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। बताया जा रहा है कि अवैध कनेक्शन लेनेवालों को एक जन प्रतिनिधि के भाई का ही संरक्षण प्राप्‍त है। करीब दो साल पहले लोगों के घर-घर पानीपहुंचाने के उद्देश्य से इस योजना के तहत पाइपलाइन बिछा कर जलापूर्ति शुरू की गई। जलापूर्ति शुरू होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि पैसे देकर कनेक्शन लेने वाले अब ठगा महसूस कर रहे हैं। निगम द्वारा जल कनेक्शन देने के लिए 4250 रुपये शुल्क रखा गया है। काफी लोगो ने शुल्क जमा कर कनेक्शन भि लिय है.

इस संबंध में कतरास अंचल के कार्यपालक अभियंता प्रेम प्रकाश ने बताया कि वार्ड सात और आठ में शहरी जलापूर्ति योजना के तहत बिछाई गई मेन पाइप लाइन से काफी लोगों द्वारा अवैध कनेक्शन लिए जाने की सूचना मिली है। उन लोगों पर कारवाई करने के लिए नगर आयुक्त का भी निर्देश मिल चुका है। अवैध कनेक्शन की जांच के लिए एक टीम गठित की जा रही है। जांच के बाद अवैध कनेक्शन लेने वालों के खिलाफ कारवाई की जाएगी।

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