आन्दोलन के जन नायक श्री बढ़ी दत्त पाण्डेय द्वारा उत्तरायणी कौथिग (गेले) प्राचीन बागेश्वर मेले से प्रारम्भ किया गया। यह अग्रेजों की गुली बेगार, कुली उतार जैसी अमानवीय प्रथा के विरुद्ध कुमाऊ कैंसरी उत्तराखण्ड में भारतीय स्वतंत्रता आहिंसात्मक आन्दोलन उत्तरायणी मेले के एतिहासिक महत्व को और भी बल प्रदान करता है। सांस्कृतिक व ऐतिहासिक महत्व के प्रतीक उत्तारायणी त्यौहार आज उत्तराखण्ड के प्रत्येक क्षेत्र में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जगह-जगह मेले के आयोजन, पवित्र सरयू तथा अन्य नदियों में स्नान और बच्चों का विशेष आकर्षण घुघुत (विभिन्न आकृतियों के मीठे पकवान) उत्तरायणी मेले के विशेश महत्व को दर्शाती है। उत्तरायणी कौथिग (मेले का शुभारम्भ अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी, महासचिव महेन्द्र सिंह रावत, मुख्य संयोजक टी०एस० मनराल, संयोजक के०एन० चंदोला के नेतृत्व में श्री रामलीला मैदान महानगर से होगा।
पर्वतीय महापरिषद द्वारा वर्ष 2010 से प्रारम्भ किया गया तीन दिवसीय उत्तरायणी मेला वर्ष दर वर्ष अपना भव्य स्वरूप धारण कर रहा है। पर्वतीय महापरिषद के दूसरे उत्तरायणी मेले का शुभारम्भ विगत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी दिनांक- 14 का प्रसिद्ध छोलिया जनवरी 2023 को प्रात- 11:00 बजे श्री रामलीला मैदान, महानगर से शोभा यात्रा के रूप में होगा। गोमती नगर, तेलीबाग, कानपुर रोड, सरोजनी नगर व राजाजीपुरम से आने वाली समस्त बसें व पर्वतीय वेश-भूषा में सभी महिलाए श्री रामलीला मैदान महानगर में एकत्रित होगी। प्रातः 10:00 बजे श्री रामलीला मैदान महानगर में अल्मोड़ा से आए पूरन राम दल के कलाकरों का गायन व छोलिया नृत्य तथा नन्दा राजजात शोभायात्रा के पीछे-पीछे पर्वतीय वेश-भूषा में विशाल जन समूह मेला स्थल की ओर प्रस्थान करेगा। उत्तरायणी मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि द्वारा दिन में 2:00 बजे मेला स्थल पर होगा।
महापरिषद के अध्यक्ष गणेश चन्द्र जोशी ने बताया कि उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश के अनेकों माननीय मंत्रीगण, मा० सांसद, मा० विधायकगण तथा प्रशासनिक अधिकारियों को उत्तरायणी मेले हेतु अतिथि एंव मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। महासचिव महेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि मेले में उत्तराखण्ड से अन्य प्रदेशों से अनेक सांस्कृतिक दल क दिनांक 14.01.2023 को लखनऊ पहुँच रहे हैं।
पुरस्कार भी प्रदान
मेले में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं यथा महिलाओं की मटकी फोड, रस्सा-कसी, मेहन्दी प्रतियोगिता, बच्चों व किए जाते है। जिन चित्रकला, एव अन्य सभी प्रतियोगिताओं एवं प्रतिभागियों का क्रम सुनिश्चित कर लिया गया है। विधाओं में विभिन्न पर्वतीय महापरिषद द्वारा पर्वत गौरव सम्मान- 2023, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली वीरता पुरस्कार, डॉ० एम० सी० पन्त चिकित्सा सम्मान, श्री गोविन्द नयाल सामाजिक सेवा सम्मान, दीवान सिंह डोलिया लोक कला सम्मान, गोपाल उपाध्याय साहित्य सम्मान, श्यामाचारण क पत्रकारिता सम्मान, बी० एम० शाह नाट्य कला सम्मान, नितिशा नेगी कीड़ा सम्मान, गौरा देवी महिला सम्मान, युवा सम उत्तरायणी कौथिग विशेष सम्मान, श्री रणवीर सिंह बिष्ट कला सम्मान प्रमुख है।
रामलीला समिति महानगर के द्वारा इस अवसर पर को मकर संक्रान्ति के अवसर पर लगभग 500 कलाका कार्यकर्ताओं को खिचड़ी भोज के साथ पर्वतीय पकवान भी खिलाये जायेंगे।
मेले में गहत की दाल, पहाड़ी भट, बाल मिठाई, चुटुक (पहाड़ी कालीन) व औषधीय जड़ी-बूटीयों के स्टॉल सज
है। कार्यक्रम हेतु भव्य पाण्डाल एंव स्टेज बनकर तैयार हो गया है।
प्रेस वार्ता में प्रो० आर०सी० पन्त, एन० के० उपाध्याय, पूर्व राज्यमंत्री नन्दन सिंह बोरा, ज्ञान पन्त, गोविन्द पाठक रावत, के०एन० पाठक, के०एस० रावत, एम०एस० मेहता, शंकर पाण्डेय, गोविन्द बोरा, रवीन्द्र बिष्ट, गोपाल गैलाकोटी जहांवासी सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
