नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के चेयरमैन डॉ. मनोज सोनी ने अपने कार्यकाल पूरा होने से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस खबर ने सरकारी और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। डॉ. सोनी का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ था, और उनके अचानक इस्तीफे की वजह से अटकलों का दौर शुरू हो गया है।
डॉ. मनोज सोनी ने अपने इस्तीफे की आधिकारिक वजह सार्वजनिक नहीं की है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि व्यक्तिगत कारणों की वजह से उन्होंने यह निर्णय लिया है। इस्तीफे के बाद डॉ. सोनी ने कहा, “मैंने अपने निजी कारणों से यह निर्णय लिया है और मैं UPSC के प्रति अपनी सेवा देने के लिए आभारी हूँ।”
मनोज सोनी को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता ह.ये भी कहा जाता है कि मोदी ने ही 2005 में सोनी को वडोदरा के एमएस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था। जिस समय उनकी नियुक्ति हुई थी, उस समय सोनी की उम्र केवल 40 साल थी। संघ लोकसेवा आयोग में शामिल होने से पहले सोनी ने गुजरात में दो यूनिवर्सिटीज में तीन कार्यकालों के लिए कुलपति के रूप में कार्य किया।
मनोज सोनी की नियुक्ति पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सवाल उठाया था। सोनी के UPSC चेयरमैन बनने राहुल ने इसे संविधान पर चोट बताया था। उन्होंने सोनी को RSS का करीबी बताया था। कांग्रेस नेता ने कहा था कि मनोज सोनी के अध्यक्ष बनने का मतलब है कि यूपीएससी यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की जगह यूनियन प्रचारक संघ कमीशन बन जाएगा।