राजधानी में पानी का होगा संकट सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मिल पाएगा पानी

उत्तर प्रदेश राज्य लखनऊ शहर

दिल्ली में जलापूर्ति की ‘लाइफ-लाइन’ मानी जाने वाली मुनक नहर के सोनीपत स्थित करियर लिंक चैनल (सीएलसी) नहर के टूटने की खबर ने राजधानी के लोगों को चिंता में डाल दिया। सीएलसी के क्षतिग्रस्त होने का सबसे प्रतिकूल असर हैदरपुर जल शोधन संयंत्र की क्षमता पर पड़ा है। ऐसे में दिल्ली के बड़े हिस्से में जलापूर्ति प्रभावित होने की आशंका गहरा गई है।

मध्य, दक्षिण, नई दिल्ली, राष्ट्रपति भवन, सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट, विभिन्न देशों के दूतावास के अलावा उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली के हिस्सों में जलापूर्ति प्रभावित होने की आशंका है। माना जा रहा है कि इससे 15 से 20 प्रतिशत जलापूर्ति पर असर पड़ सकता है। फिलहाल 40 एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है।

उधर, सीएलसी के क्षतिग्रस्त होने से सूचना पाकर दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम तत्काल मौके पर भेजी गई। टीम ने हरियाणा सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर युद्धस्तर पर सीएलसी की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। अनुमान है कि 48 घंटे में मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। जल बोर्ड के मुताबिक, सीएलसी के क्षतिग्रस्त होने से दिल्ली को हरियाणा से मिलने वाले कच्चे पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है।

सीएलसी से दिल्ली को 750 क्यूसेक कच्चे पानी की आपूर्ति होती है, लेकिन सीएलसी के क्षत्रिग्रस्त से यह आपूर्ति 670 क्यूसेक रह गई है। जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा कि 48 घंटे में मरम्मत का कार्य पूरा होने का अनुमान है और जल्द ही सामान्य जलापूर्ति बहाल हो जाएगी। अधिकारियों से बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया है और जल बोर्ड के अधिकारियों को 24 घंटे हालात की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।

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