अखिल भारतीय सांस्कृतिक संस्थान (ए बी एस एस) द्वारा प्रस्तुत यह नाटक गांधी जयंती नाट्य महोत्सव 2023 के समापन पर राजेंद्र तिवारी के लेखन एवं निर्देशन में आज गांधी भवन प्रेक्षागृह, गांधी भवन, कैसरबाग में मंचित किया। यह एक हास्य नाटक है जो समाज पर कटाक्ष करता है। गाँव का एक अमीर आदमी करेला सिंह जो जिंदगी में हमेशा सभी को परेशान किया होता है वो मरने वाला होता है लेकिन वो सभी गांव वालों से मरने से पहले आखिरी बार मिलना चाहता है, उसके मरने की ख़बर चारों तरफ़ आग की तरह फैल जाती है। करेला सिंह अपनी आखिरी सांसे ले रहा है। सबके आने का सिलसिला शुरू होता है। करेला का बेटा टिंडा अपने ही बाप को मरते हुए देखना चाहता है क्योंकि उसने आज तक किसी को मरते हुए नही देखा है। इधर उसकी अधबैली बेटी जेवर के बारे में पूछने आती है और उसकी दूसरी बेटी और दामाद भी चंदापुर के खेत के चक्कर में आए हुए हैं। उनके घर का एक नौकर भी है जमलू जोकि सेठ के मारने के बाद खुद सेठ बनने का सोचता है। बारी बारी से गांव वाले भी आना शुरू होते हैं। सबसे पहले प्रधान आता है और अपने ऊपर किए हुए अत्याचार पर बोलता है।
इसी तरह रईस, किसान, बचपन का साथी भिखारी, पानवाला, फूलचंद एवं पंडित बारी बारी आके अपनी अपनी तकलीफें सेठ जी को बताते हैं। उनका बेटा टिंडा सबको जवाब देता है। मरने से पहले सेठ की इच्छा यह रहती है की “मेरे मरने के बाद सभी लोग इस शरीर से अपना अपना बदला ले लेना क्योंकि गुनाह तो इस शरीर ने ही किया है तो सजा भी इसी को मिलनी चाहिए। और उनकी अंतिम यात्रा मध्य रात्रि में निकालना वो भी हंसते गाते हुए” ।
सब लोग अर्थी की तैयारी करते हैं। और करेला की मृत्य हो जाती है। उनके घर वाले रोते रोते अर्थी को विदा देते है। अंतिम यात्रा में सभी अपनी अपनी कहानियां सुनाते हैं और हंसते हुए अंतिम यात्रा ले जाते हैं। तभी रास्ते में वहां पुलिस आ जाती है और अर्थी को उतारने को कहती है। लाश पे खून के दाग हैं, सभी लोग हंसते हुए रहते हैं और तो और घर का कोई भी नहीं रहता तो पुलिस को ये कत्ल लगता है और पुलिस सबको मारते हुए थाने ले जाती है। इस तरह करेला सिंह मरने से पहले और मरने के बाद भी गांव वालों को परेशान करता है। इसमें मुख्य कलाकारों में शिवम, ऐश्वरीय, अक्ष्यारिका, अर्णव, आदित्य वर्मा, शुभ, दीपक, जैन, आदि शामिल हैं।
यह कार्यक्रम अंजना तिवारी, अशोक सचिन, संदीप सिंह, अमित तिवारी, के के अवस्थी, ललित पांडेय, दिलकश रिज़वी, गणेश रावत, राकेश वर्मा, राकेश तिवारी, रोशन, डा0 सुरेंद्र नाथ, एकता अग्रवाल आदि के सहयोग से एवं अश्विनी शुक्ला व निष्ठा तिवारी के प्रबंधन में संपन्न हुआ।
व्यवस्थापक अश्विनी शुक्ला मो07888091111
