सोमवार शाम को चांद दिखाई देने के साथ ही रमजान उल मुबारक की घोषणा हुई। एक महीने तक शहर की मस्जिदें फज्र के वक्त से लेकर तरावीह की नमाज तक नमाजियों की रौनक रहेगी। माह-ए-रमजान की शुरुआत होते ही मस्जिदों में तरावीह की नमाज पढ़ी गई।
इस बार माह-ए-रजमान में 4 जुमे होंगे। पहला जुमा 15 मार्च, दूसरा जुमा 22 मार्च, तीसरा जुमा 29 मार्च को और जुमातुलविदा की नमाज 5 अप्रैल को अदा की जाएगी। माह रमजान के 30 रोजे पूरे होने के बाद 11 अप्रैल को चांद दिखने के अनुसार ईदुल फित्र का त्योहार मनाया जाएगा।
रोजे रखने का मकसद खुद में मौजूद बुराई खत्म करें
कुरआन में रोजा रखने का बुनियादी मकसद बताया गया है। इस महीने भूखे प्यासे रहकर खुदा की इबादत के साथ खुद में मौजूद बुराईयों को भी खत्म किया जाए। पूरे महीने बुरी आदतों को खत्म कर उनकी जगह अच्छी आदतों को अपनाया जाए।
रमजान मुबारक में रोजे फर्ज
रमजान उल मुबारक को आसमानी किताबों से खास मुनासिबत हासिल है। इसी महीने में कुरआन मजीद नाजिल हुआ। इस महीने के हरेक पर रोजे फर्ज है। पाक परवरदिगार का इरशाद है कि रमजान महीना कुरआन नाजिल किया गया जो लोगों के लिए हिदायत का जरिया है। इस महीने में रोजे के साथ-साथ कुरआन मजीद के साथ भी अपने ताल्लुकात को मजबूत करना चाहिए।
ज्ञातव्य है कि मंगलवार सुबह 5 बजकर 13 मिनट पर सहरी के साथ पहले रोजे की नीयत रखी गई। जामा मस्जिद जौहरी बाजार के रमजान कैलेंडर के अनुसार पहला रोजा 13 घंटे 23 मिनट का है और यह मंगलवार शाम 6 बजकर 36 मिनट पर इफ्तार के साथ पूरा होगा।
