राज्य संग्रहालय, लखनऊ एवं उ०प्र० पुरातत्व निदेशालय, लखनऊ द्वारा “पुरालेख एवं पुरालिपि कार्यशाला का आयोजन’ (दिनांक 15 से 23 फरवरी, 2024 तक) किया जा रहा है। उक्त कार्यकम की श्रृंखला में आज दिनांक 17 फरवरी, 2024 को डॉ० टी० एस० रवीशंकर, सेवानिवृत्त (पुरालेख), भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मैसूर ने अपने व्याख्यान में अशोक कालीन प्रारम्भिक ब्राह्मी लिपि की वर्णमाला से परिचय कराने के साथ ही शुंग कालीन, कुषाण कालीन एवं क्षत्रप कालीन प्रारम्भिक ब्राह्मी लिपि के संयुक्ताक्षर एवं मात्राओं से प्रतिभागियों को परिचित कराया। उक्त कार्यशाला में लगभग 100 प्रतिभागियो ने पंजीकरण कराया है।
उक्त कार्यक्रम में उ०प्र० पुरातत्व निदेशालय, लखनऊ की निदेशक रेनू द्विवेदी राज्य संग्रहालय, लखनऊ की सहायक निदेशक डॉ० मीनाक्षी खेमका, कृष्ण मोहन दुवे, डॉ० अनीता चौरसिया, धनन्जय कुमार राय, अनुपमा सिंह, शारदा प्रसाद त्रिपाठी, प्रमोद कुमार, गायत्री गुप्ता आदि उपस्थित रहे।