सपा ने माता प्रसाद पांडेय को बनाया नेता प्रतिपक्ष, जानें कैसा रहा सियासी सफर

उत्तर प्रदेश राज्य लखनऊ शहर

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) ने माता प्रसाद पांडेय को यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने का ऐलान किया है। 81 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखते हैं। सात बार विधायक रहे पांडेय दो बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष और राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। वर्तमान में सिद्धार्थनगर जिले के इटावा विधानसभा सीट से विधायक हैं। उन्हें अखिलेश यादव का काफी करीबी नेता माना जाता है।

माता प्रसाद पांडेय पहली बार 1980 में विधानसभा का चुनाव जीते थे। इसके बाद 1985, 1989, 2002, 2007, 2012 और 2022 में विधानसभा के लिए चुने जा चुके हैं। वह मुलायम सिंह यादव की सरकार में स्वास्थ्य और श्रम व रोजगार विभाग के मंत्री रह चुके हैं।

बतौर नेता प्रतिपक्ष वो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की जगह लेंगे, जिन्होंने कन्नौज से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद करहल सीट से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।

नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि विधानसभा में हम सरकार को घेरने का काम करेंगे। हमने सरकार से आग्रह किया था कि सत्र को कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ाएं। हमारी कोशिश है कि सत्र को आगे बढ़ाया जाए, जिससे जनहित के मुद्दे को उठाया जा सके। उन्होंने कहा, योगी सरकार ने इस प्रदेश को विनाश के कगार पर पंहुचा दिया। भ्रष्टाचार समेत तमाम मुद्दों पर हम सरकार को घेरेंगे।

इसके अलावा पार्टी ने यूपी विधानसभा के सदस्य महबूब अली को अधिष्ठाता मंडल, कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक और राकेश कुमार उर्फ आरके वर्मा को उप सचेतक की कमान सौंपी है। पार्टी की ओर से यह निर्णय अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।

रविवार को समाजवादी पार्टी के विधायकों की बैठक में कई नामों को लेकर चर्चा हुई थी। इसके बाद तमाम विधायकों ने आखिरी फैसला अखिलेश यादव पर छोड़ दिया था। इसके बाद माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी गई।

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