राजू पाल हत्याकांड : CBI कोर्ट सुनाया फैसला, 7 दोषियों को उम्रकैद, एक को 4 साल की सजा

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प्रयागराज : बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल हत्याकांड में सीबीआई की कोर्ट ने जिंदा सभी सातों आरोपियों को शुक्रवार को दोषी करार दिया. इस मामले में कुल 9 आरोपी थी, लेकिन उसमें से दो की हत्या हो चुकी है. साल 2005 में 25 जनवरी को तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की हत्या की गई थी. आरोप अतीक अहमद और उसके भाई सहित 9 लोगों पर लगा था. कोर्ट ने जिंदा बचे सभी 7 आरोपी आबिद, फरहान, जावेद, अब्दुल कवी, गुल हसन, इसरार और रंजीत पाल को दोषी करार दिया है.

सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने फरहान को अवैध असलहा रखने के मामले में 4 साल की कैद और 20 हज़ार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. इसरार अहमद ,रंजीत पाल, जावेद, गुलशन और अब्दुल कवि को हत्या करने का दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई. हत्या के छह दोषियों पर 50-50 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. हाल ही में तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह उमेश पाल की बदमाशों में बम और गोलियों की बौछार कर हत्या कर दी थी. इस वारदात में उमेश पाल की सुरक्षा में तैनात गनर संदीप निषाद की भी मौत हो गई थी.

दरअसल, राजू पाल और अतीक के बीच जंग की शुरुआत 19 साल पहले 2004 में हुई थी. राजू पाल ने शहर पशिचम क्षेत्र में अतीक अहमद की सत्ता को चुनौती दी थी. अतीक अहमद के सांसद बनने से खाली हुई सीट पर उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई को हराकर विधायक बने थे. 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज क्षेत्र में राजू पाल को घेरकर गोलियों से भून दिया गया था. इस हमले में संदीप यादव और देवीलाल की भी मौत हुई थी.

इस तिहरे हत्याकांड की जांच पहले पुलिस, सीबी सीआईडी और आखिर में सीबीआई ने की. सीबीआई की तरफ से अतीक अहमद उसके भाई समेत 10 लोगों को आरोपी बनाया गया. इस मामले में आरोपी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मौजूदा सपा विधायक पूजा पाल से शादी के 9 दिन बाद ही राजू पाल की कर दी गई थी हत्या.

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