हरियाणा में राहुल गांधी का अनोखा अंदाज: झज्जर में पहलवानों से की मुलाकात,बजरंग से कुश्ती के दांव-पेंच सीखे

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झज्जर। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को लेकर चल रहे विवाद के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को हरियाणा के झज्जर में वीरेंद्र आर्य अखाड़े का दौरा किया और वहां पहलवानों से बातचीत भी की।राहुल गांधी सुबह झज्जर के छारा गांव में अखाड़े में पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि वहां उन्होंने पहलवानों से उनके मुद्दों और उनके सामने आने वाली समस्याओं पर बातचीत की।उन्होंने कुश्ती में भी हिस्सा लिया।

राहुल गाँधी ने कहा वर्षों की जीतोड़ मेहनत, धैर्य एवं अप्रतिम अनुशासन के साथ अपने खून और पसीने से मिट्टी को सींच कर एक खिलाड़ी अपने देश के लिए मेडल लाता है।
आज झज्जर के छारा गांव में भाई विरेंद्र आर्य के अखाड़े पहुंच कर ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवान भाइयों के साथ चर्चा की।

सवाल सिर्फ एक है – अपने अखाड़े की लड़ाई छोड़ अगर इन खिलाड़ियों, भारत की बेटियों को अपने हक और न्याय की लड़ाई सड़कों पर लड़नी पड़े तो कौन अपने बच्चों को यह राह चुनने के लिये प्रोत्साहित करेगा? यह किसान परिवार के निश्छल, सीधे एवं सरल लोग हैं, इन्हें तिरंगे की सेवा करने दीजिए। इन्हें पूरे मान और सम्मान के साथ भारत का सर गौरव से ऊंचा करने दीजिए।

इस बीच, मीडिया से बात करते हुए पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा, “वह (राहुल गांधी) हमारी दिनचर्या देखने आए थे। उन्होंने कुश्ती भी की।”पूनिया ने यह भी कहा कि वह एक पहलवान की रोजमर्रा की गतिविधियां देखने आए थे।

आपको बता दें कि ओलंपियन पहलवान साक्षी मलिक के संन्यास की घोषणा के बाद पूनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लौटा दिया था। यहां तक कि एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट ने मंगलवार को घोषणा की कि वह अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार सरकार को लौटा देंगी।

इससे पहले, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली में मलिक और पूनिया से मुलाकात की थी और कहा था कि वह अन्याय के खिलाफ उनकी लड़ाई में उनका समर्थन करेंगी।

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