नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बदलापुर में यौन दुर्व्यवहार की घटना पर अपना गुस्सा जाहिर किया है. उनका कहना है, “पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार के बाद महाराष्ट्र में भी बेटियों के खिलाफ शर्मनाक अपराध सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम एक समाज के तौर पर कहां जा रहे हैं?” उन्होंने कहा, “क्या अब FIR तक दर्ज कराने के लिए आंदोलन करने पड़ेंगे? आखिर पीड़ितों के लिए पुलिस थाने तक जाना भी इतना मुश्किल क्यों हो गया है?”
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने एक एक्स पोस्ट में कहा, “बदलापुर में दो मासूमों के साथ हुए अपराध के बाद उनको इंसाफ दिलाने के लिए पहला कदम तब तक नहीं उठाया गया जब तक जनता ‘न्याय की गुहार’ करते हुए सड़क पर नहीं आ गई.” उन्होंने कहा, “न्याय दिलाने से अधिक प्रयास अपराध छिपाने के लिए किया जाता है, जिसका सबसे बड़ा शिकार महिलाएं और कमज़ोर वर्ग के लोग होते हैं.”
एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर बोले राहुल
कांग्रेस नेता ने कहा, “FIR दर्ज नहीं होना न सिर्फ पीड़ितों को हतोत्साहित करता है बल्कि अपराधियों का हौसला भी बढ़ाता है. सभी सरकारों, नागरिकों और राजनीतिक दलों को गंभीर मंथन करना होगा कि समाज में महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए क्या कदम उठाए जाएं.” उन्होंने कहा, “न्याय हर नागरिक का अधिकार है, उसे पुलिस और प्रशासन की ‘मर्जी का मोहताज’ नहीं बनाया जा सकता.”
क्या है बदलापुर में उत्पीड़न का पूरा मामला?
13 अगस्त को, तीन और चार साल की दो किंडरगार्टन बच्चियों के साथ कथित तौर पर स्कूल के शौचालय में एक चौकीदार, अक्षय शिंदे द्वारा यौन शोषण किया गया था. यह घटना तब लोगों की नजर में आई जब 16 अगस्त को पीड़ितों में से एक ने अपने माता-पिता को इस दुर्व्यवहार के बारे में बताया, जिसके बाद 17 अगस्त 146 को शिंदे की गिरफ़्तारी हुई.
इस मामले की वजह से महाराष्ट्र के बदलापुर में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें हजारों लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया. इस दौरान हिंसा और तोड़फोड़ भी हुई. प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया, जिससे कई ट्रेनों का मार्ग बदलना पड़ा. पुलिस को भी देरी से प्रतिक्रिया देने के लिए लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा. इस मामले में तीन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है.