भगवान महावीर के जन्म कल्याणक महोत्सव के उपलक्ष में प्रभात फेरी निकाली गई

उत्तर प्रदेश राज्य लखनऊ शहर

आज भगवान महावीर के जन्म कल्याणक महोत्सव के उपलक्ष में लखनऊ के विभिन्न क्षेत्रों में अहियागंज, चौक, सहआदतगंज, इंदिरा नगर, गोमती नगर ,आशियाना ,चारबाग, जानकीपुरम आदि क्षेत्रों में प्रभात फेरी निकाली गई ।साथ ही साथ मंदिरों में भगवान महावीर का पालना झुलाया गया ।चैत्र शुक्ल त्रयोदशी यानी आज 4 अप्रैल दिन मंगलवार को चारबाग से भगवान महावीर की भव्य शोभायात्रा बग्घी, झंडी, ट्राली ,झांकी रथ ,के साथ लखनऊ के लाटूश रोड मोहन होटल होते हुए वापस चारबाग में समाप्त हुई। कार्यक्रम में जैन समाज के बच्चों महिलाओं के साथ साथ अन्य समाज के भी काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। चारबाग में जुलूस की समाप्ति के साथ भगवान का अभिषेक पूजन व‌ शांति धारा का कार्यक्रम हुआ ।कार्यक्रम के पश्चात चारबाग में ही वात्सल्य भोज का आयोजन किया गया सभी ने प्रसाद ग्रहण किया ।तत्पश्चात हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी एक धार्मिक सभा का आयोजन महावीर पार्क (हाथी पार्क) डालीगंज में शाम को जैन धर्म प्रवर्धिनी सभा के द्वारा आयोजित किया गया। जिसमें बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए । जैन समाज के गणमान्य लोगों व आए हुए अतिथियों ने अपने विचार रखें।
कार्यक्रम में मंच पर उपस्थित विनय जैन अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष केसी जैन एडवोकेट नेता प्रवक्ता भाजपा ,सुबोध जैन, सुभाष जैन ,रवि जैन ,सुशील जैन उपस्थित रहे। सभा का प्रारंभ महिला मंडल की अध्यक्ष राज जैन ने मंगलाचरण के द्वारा किया, मंच पर उपस्थित अशोक पाण्डे, पूर्व राज्य मंत्री केसी जैन एडवोकेट विनय जैन सुबोध जैन अभिषेक जैन, डॉ अनमोल जैन ने पुष्पांजलि अर्पित कर भगवान की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्वलन किया।
कार्यक्रम में उपस्थित राज्य मंत्री सत्य प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि जैन धर्म से हमें सिर्फ अहिंसा की ही नहीं जीने की भी शिक्षा मिलती है अगर जैन धर्म के भगवान महावीर के सिद्धांतों को जीवन में उतारा जाए तो पर लोक के साथ साथ इस जीवन को भी हम सफल बना सकते हैं,
वही कार्यक्रम में उपस्थित केसी जैन एडवोकेट ने अपने विचार रखते हुए कहा कि अहिंसा का मतलब सिर्फ जीव हत्या न करना मात्र से नहीं है बल्कि जैन धर्म में तो अहिंसा का बहुत ही गहरा अर्थ है, अहिंसा का मतलब है मनसा, वाचा, कर्मणा किसी भी प्रकार से हिंसा ना हो यानी किसी भी जीव मात्र के प्रति ना ही हिंसा के विचार लाया जाए मन में नाही वाणी के द्वारा हिंसा की जाए और ना ही भौतिक रूप से हिंसा की जाए ,साथ ही साथ भगवान महावीर ने जो अपरिग्रह का उपदेश दिया अगर उसको आज के समाज में पालन किया जाए तो अमीरी और गरीबी की खाई समाप्त हो जाएगी अपरिग्रह का अर्थ है संग्रह ना करना जितनी चीजों की आवश्यकता हो बल्कि जितनी चीजों की अति आवश्यकता हो उतना ही अपने पास रखें बाकी संचयन और सामग्री समाज के उस वर्ग को बांट दी जाए जो वास्तव में इन सारी सुख सुविधाओं से दूर है, साथ ही अगर अहिंसा का वास्तविक रूप से पालन किया जाए तो आज जो यह पर्यावरण संकट में है यह भी ना हो क्योंकि जैन धर्म में तो वृक्ष को काटना भी उतना ही दोषपूर्ण है जितना किसी की हत्या करना ।मंच पर उपस्थित अन्य गणमान्य लोगों ने भी भगवान महावीर पर अपने विचार रखे ,और अंत में विनय जैन अध्यक्ष ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को जैन धर्म पृवर्धनी सभा की ओर से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जैन समाज के उपस्थित रहे।

 

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