गंभीर बीमारि‍यों में से एक है पैंक्र‍ियाट‍िक कैंसर धीरे-धीरे उभर कर आते हैं इसके लक्षण

हेल्थ

कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जिसका समय रहते इलाज कराना बेहद जरूरी होता है। अगर वक्त पर इस बीमारी का पता नहीं चलता है तो इलाज में देरी होने के कारण मरीज की मौत भी हो सकती है। कैंसर कई प्रकार के होते हैं। यह शरीर के जिस हिस्से को प्रभावित करता है, वह कैंसर उस नाम से जाना जाता है। उन्‍हीं में से एक है पैंक्र‍ियाट‍िक कैंसर। ये दुनिया में आम कैंसरों में से एक है।

आंकड़ों की बात करें तो भारत में हर साल पैंक्र‍ियाट‍िक कैंसर के लगभग 10,860 नए मामले सामने आते हैं, जो कुल मामलों का 1.03% है। इस बीमारी से बचने के ल‍िए इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना बेहद जरूरी होता है। ताकि समय रहते इसका इलाज कराया जा सके।

क्‍या है पैंक्र‍ियाट‍िक कैंसर

पैंक्र‍ियाट‍िक कैंसर बहुत ही गंभीर बीमारी है। अग्‍नाशय में कैंसर युक्‍त कोशिकाओं के जन्‍म के कारण पैंक्रियाटिक कैंसर की शुरूआत होती है। इस कैंसर के होने की औसतन उम्र 72 साल है। पैंक्रियाज हमारे शरीर में डाइजेशन और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने का काम करता है। आमतौर पर इस बीमारी का देर में ही पता चल पाता है। जिससे इलाज मुश्किल हो जाता है। भारत की बात करें तो पुरुषों में पैंक्र‍ियाट‍िक कैंसर के मामले 0.5-2.4 प्रति लाख और महिलाओं में 0.2-1.8 प्रति लाख हैं।

पैंक्र‍ियाट‍िक कैंसर के शुरुआती लक्षण

इस बीमारी का एक शुरुआती लक्षण पीठ और पेट में दर्द होना है। ये आम समस्या हो सकती है, लेकिन लंबे समय तक दर्द बना रहे तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पेट और पीठ में दर्द के अलावा पीलिया, वजन घटना, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) समस्याएं, थकान, डायब‍िटीज, भूख कम लगना जैसे लक्षण भी शाम‍िल हैं। पेट और पीट का दर्द अक्‍सर पेट के बीच से शुरू होकर पीठ तक जाता है। यह खाने के बाद या लेटने पर कुछ ज्यादा ही महसूस होता है। यह दर्द प्रभाव‍ित जगहों की नसों पर दबाव पड़ने की वजह से होता है।

तुरंत डॉक्‍टर से लें सलाह

रिपोर्ट में बताया गया है क‍ि पैंक्र‍ियाट‍िक कैंसर से जुड़ा दर्द हर इंसान में अलग-अलग तरीकाें से हो सकता है। अगर आपको किसी भी नए दर्द या लक्षण महसूस हों तो उन्‍हें नजरअंदाज न करें। तुरंत डॉक्टर के पास जाकर संपर्क करें और जरूरी इलाज करवाएं।

पैंक्र‍ियाट‍िक कैंसर का प्रभाव

ये तेजी से फैलने वाली बीमारी है। इसकी वजह से डाइजेस्‍ट‍िव सि‍स्‍टम प्रभाव‍ित होता है। जिससे पैंक्रियाज एंजाइम बनाने में असमर्थ हो जाता है। इस स्थिति में शरीर कमजोर होता चला जाता है। ज‍िससे रोगी को थकान, वजन कम होने और अन्य शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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