यूपी प्रेस कलब लखनऊ में अधिवक्ता कल्याण हेत 9 सूवीय मांगो परविवार गोष्टी का आयोजन किया गया

उत्तर प्रदेश राज्य लखनऊ शहर

उक्त संगोष्ठी में लखनऊ के अवध बार एसोसिएशन सेन्ट्रल बार एसोरिएशन, लखनऊ बार एसोसिएशन, स्टेट पद्लक सर्विस ट्रिययुनल बार एसोसिएशन, सेल टैक्स बार एसोरिएशन, डीआरटी बार एसोसिएशन, फेमिली कोर्ट बार एसोसिएशन आि के पदाचिकारियों ने 9 सूत्रीय मांगों पर अपने अपने विचार प्रस्तुत किये ।

 

अधिवक्ता जन सेवा संस्थान के अध्यक्ष एवं निदेशक श्री अजित कुमार, एडवोकेट ने कहा कि अधिवक्ता एवं उसके परिवार की सुरक्षा हेतु तत्काल अधिवक्ता प्रोटेव्शन एक्ट लागू करने, अधिवक्ता एवं उसकी पत्नी को युष्णान योजना के तहत चिकित्सा हेतु रू० 5 लाख प्रतिवर्ष कैशलेस कार्ड बनाये जाने, स्नातक चुनाव क्षेत्र की तरह लॉ ग्रेजुएट कास्टीचुएसी का प्राविधान करने, समस्त बार एसोरिएशन के पदाधिकारी द्वारा चयनित एक जिला एक अध्यक्ष (One District One President), नये गाडल बाईलाज की भाति बार कीरसिल के सदस्यों के लिए भी 5 वर्ष हेतु चयनित होने के पश्चात् एक अन्तराल के बाद ही चुनाव लड़ने का प्राविधान

करने, जूनियर अधिवक्ताओं को 02 वर्ष तक सरकार या बार कौसिल द्वारा रू० 5 हजार प्रतिमाह दिलाये जाने, मृतक अधिवक्ता के पति /पत्नी को र0 10 लाख दिलाये जाने, अधिवक्ताओं के हित के लिए ‘आम बजट’ में

अधिवक्ता बजट का प्राविधान करने, अधिवक्ता के निरन्तर 40 वर्ष की प्रैक्टिस और कम से कम 70 वर्ष आयु के बाद प्रैक्टस करने हेतु सक्षम न होने पर रू० 35000/- मासिक पेंशन का प्राविधान किये जाने तथा समाज के यथासम्भव जरूरतमंद वर्गों की मदद करने तथा समाज में अधिवक्ताओं की उत्कृष्ट छवि बनाने पर जोर दिया तथा समरत अधिवक्ताओं एवं बार एसोरिएशन के पदाधिकारियों का र्वागत करते हुए बड़े जोरों से कहा हमारे 9 सू्रीय मांगों पर संकल्पित शासन एवं उoप्र० बार कॉसिल द्वारा क्रियान्वयन तभी होगा जब हम सब होंगे एक, यही हमारे संस्थान का नारा है कि हम सब एक हैं।

 

अन्त में संस्थान के महामंत्री प्रो० (डा०) वी०्जी० गोस्वामी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हम

सब एक हैं इसी भावना और संकल्य पर अधिवक्ता कल्याण हेतु 9 सूत्रीय मांगों का लक्ष्य पूरा होगा।

अधिवक्ता एवं उसके परिवार की सुरक्षा हेतु एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट’ तत्काल लागू कराने

हेतु राज्य सरकार से मांग करना।

 

पंजीकृत तथा किसी बार एसोसिएशन के सादस्य अधिवक्ता एवं उसकी पत्नी की गंभीर बीमारी

के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित आयुष्मान योजना के तहत रू० 05 लाख प्रतिवर्ष

चिकित्सा व्यय हेतु कीशलेस कार्ड बनाया जाये।

 

स्नातक चुनाव क्षेत्र (ग्रेजुएट कॉन्स्टीचुएंसी) की तरह विधि स्नातक चुनाय क्षेत्र (लॉ ग्रेजुएट

कॉन्स्टीचुएसी) का प्राविधान कर विधान परिषद में एम.एल. सी. की सीटॉं का प्राविधान कराना।

एक जिला के समस्त अधिववता बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा चयनित ‘एक जिला

एक अध्यक्ष’ (One District One President) पर विचार कर का्यान्वित कराना।

 

नये माडल बाईलॉज के अनुसार जिस प्रकार जिले के किसी बार एसोसिएशन के चयनित

पदाधिकारी दूसरी बार चुनाव नहीं लड़ सकते अर्थात एक अन्तराल के बाद ही चुनाव लड़

साकते हैं उसी तरह से बार कासिल के सदस्यों का 05 वर्ष के लिए चयनित होने के पश्चात्

एक अन्तराल के बाद ही चुनाव लड़ने का प्राविधान किया जाये ।

 

जूनियर अधिवक्ताओं को 02 वर्ष तक सरकार या बार कौसिल द्वारा रु० 5000 / – प्रतिमाह

दिया जाये तथा बार कॉसिल की तरह 02 वर्ष तक के जूनियर अधिवक्ताओं को जिले की बार

एसोसिएशन में भी मतदान का अधिकार दिया जाये।

 

प्रत्येक अधिवक्ता की मृत्यु के बाद वार कॉसिल या सरकार द्वारा मृतक अधिवक्ता के

पति/ पत्नी को कम से कम र० दस लाख दिलाया जाये । इसके साथ ही उ०प्र0 सरकार द्वारा

आम बजट में अधिवक्ताাओं के हित के लिए ‘अधिवक्ता बजट’ का प्राविधान किया जाये।

अधिवक्ता के 40 वर्ष तक निरन्तर प्रैक्टिस और कम से कम 70 वर्ष की आयु के पश्चात्

अधिवव्ता के किसी कारणवश प्रैविटस करने में सक्षम न होने पर र० 35.000/- मासिक

पेंशन देने का बार कौसिल या राज्य सरकार द्वारा प्राविधान किया जाये

 

अधिवक्ताओं द्वारा समाज के सभी जरूरतमंद वर्गं के लिए यथासम्भय न्यायिक सामाजिक,

आर्थिक सहायता करके आपसी भाईचारा, सदभाव और प्रेम जागृत करना तथा समाज में

अधिवक्ताओं के प्रति उत्कृष्ट छवि बनाने का प्रयास करना।

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