लखनऊ, 25 अगस्त 2022 किसी भी समाज की कल्पना नारी के बिना नहीं की जा सकती। जब कोई नारी किसी भी चीज को करने की ठान लेती है, तो वह कर दिखाती है। कुछ ऐसे ही ताने-बाने में बनी है भोजपूरी फिल्म ‘ प्रेम तपस्या ‘, जिसका आज होटल विजय पैराडाइज विकास नगर लखनऊ में मुहूर्त संपन्न हुआ।
विजय फिल्म्स प्रोडक्सन वर्ल्ड के बैनर तले बन रही भोजपुरी फिल्म ‘ प्रेम तपस्या ‘ के मुहूर्त अवसर पर फिल्म के निर्माता विजय सिंह भदौरिया ने कहा कि इस फिल्म का निर्माण उत्तर प्रदेश सरकार की फिल्म बन्धू की फिल्म नीति के अन्तर्गत किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फिल्मकारों को सब्सिडी प्रदान कर न केवल फिल्मों को बढ़ावा दिया है अपित फिल्मकारों को नव-जीवन प्रदान किया है। उन्होंने आगे बताया कि भोजपुरी फिल्म ‘प्रेम तपस्या में नारी के सभी रूप दर्शकों को देखने को मिलेंगे। नारी के सशक्तीकरण का मार्ग प्रशस्त करती इस फिल्म में बताया जायेगा की, कैसे एक नारी सभी मश्किलों का सामना करते हुए अपना व अपने परिवार का ख्याल रखते हुए सभी को एकजुट रखती है। विजय सिंह भदौरिया ने बताया कि फिल्म की शूटिंग लखनऊ के अलावा सिधौली ( सीतापुर) में होगी। । विजय सिंह भदौरिया ने बताया कि भोजपुरी फिल्म ‘प्रेम तपस्या ‘ में मुख्य भूमिका में फिल्म अभिनेता समर सिंह, कुंदन सिंह, अभिनेत्री चांदनी सिंह, अलीशा बोस, डॉ अनीता सहगल वसुंधरा विभिन्न किरदारों में नजर आएंगे। इसके अलावा शशि सागर, रियाज इण्डियन जैसे अन्य कलाकार भी इसमें शामिल हैं, यह सारे कलाकार उत्तर प्रदेश की धरती से हैं। उन्होने बताया कि इस फिल्म के लेखक हैं मनोज हन्सराज और निर्देशक द्वय है संजीव ए श्रीवास्तव और मनोज हन्सराज। संगीतकार हैं साजन मिश्रा और गीत लिखे हैं विनय बिहारी और मधुसूदन ने। प्रेसवार्ता में फिल्म अभिनेता समर सिंह ने बताया कि फिल्म ‘ प्रेम तपस्या ‘ में उनका किरदार एक ऐसे युवक का है, जो विसम परिस्थितियों के कारण अपने पैरों से चल नहीं सकता लेकिन अपनी पत्नी की सूझबूझ से वह अपने पैरों पर खड़े होकर समाज का सामना करते हुए अपने परिवार को एकजुट रखता है। फिल्म अभिनेत्री अलीशा बोस ने बताया कि उनका इस फिल्म में एक ऐसा किरदार है जो किसी प्रकार से भटके हुए लोगों का अपने नृत्य से मनोरंजन करती है। इस मौके पर फिल्म के लेखक मनोज हंसराज ने बताया कि फिल्म ‘ प्रेम तपस्या ‘ फैमिली ड्रामा होने के साथ समाज को प्रेरणा देती है की नारी किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं है, विपरित परिस्थिति में वह शक्ति स्वरुपा बनकर सबका सामना करती है। इस फिल्म में वह संजीव ए श्रीवास्तव के साथ मिलकर निर्देशन की । बागडोर संभाल रहे हैं।
