आज आईजीपी में प्रदेश के कौने-कौने से आए मेरे निषाद समाज के प्रिय भाईयों और बहनों, मैनें आजतक ना जाने कितने मंचों को सांझा किया है और सभी में एक परंपरा होती कि मंच पर विराजमान व्यक्तियों के नाम और पद से शुरूआत की जाती किंतु मेरा मानना है कि आप सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत की वजह से हम सभी मंच पर विराजमान लोग अपने शिखर पर पहुंच पाते हैं। इसलिए आप सभी की मेहनत की वजह से आज निषाद पार्टी उत्तर प्रदेश में अपनी एक पहचान रखती है, केंद्र और राज्य की सरकार में आज निषाद पार्टी की भागीदारी है तो आप सभी कार्यकर्ताओं की बदौलत है और मेहनत की वजह से हैं इसलिए एक बार मंच पर विराजमान सभी मंचासीन लोग सामने बैठे ह्रदय प्रिय कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के लिए मेरे साथ बुंलद आवाज में नारा लगाएंगे, निषाद पार्टी कार्यकर्ता जिंदाबाद- जिंदाबाद।। कार्यकर्ताओँ की मेहनत जिंदाबाद- जिंदाबाद, निषाद पार्टी जिंदाबाद जिंदाबाद।साथियों, आज निषाद पार्टी अपना 09वां स्थापना दिवस मनाने जा रही है, 09 वर्ष के सफर में ना जाने कितनी बाधाएँ और समस्याओं का सामना करने के बाद आज हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं। जब संघर्ष की बात आ ही गई तो मुझे राष्ट्रीय कवी श्री रामधारी सिंह दिनकर जी वो पंक्ति याद आ जाती है, वर्षों तक वन में घूम-घूम,बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,सह धूप-घाम, पानी-पत्थर,पांडव आये कुछ और निखर।सौभाग्य न सब दिन सोता है,देखें, आगे क्या होता है।महाभारत में पांडवों की मेहनत का नतीजा था की भगवान खुद उनके पक्ष में खड़ें हुए। आज आप मेरे सभी कार्यकर्ता मेहनत कर रहे हैं तो मैं आप सभी को आपका नेता नहीं आप भाई, आपका बेटा होने के नाते विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपके हर मुद्दे का हल होगा, आज नहीं तो कल होगा। सौगंध मुझे महाराजा गुह्यराज निषाद जी की अगर मैं विफल रहा आपके हक-हकूक दिलवाने में मैं आप सभी के सामने आकर अपनी हार स्वीकार करूंगा, किंतु आपकों मुझ पर विश्वास रखना होगा, अगर आपको अपना हक-हकूक पाना है तो आज प्रदेश सरकार 01 मंत्रीपद मिला है, आप 2027 के लिए इतनी मेहनत करना कि 2027 की सरकार आपके सहयोग के बिना ना बनें।

आज आप सभी को मेरे साथ प्रतिज्ञा लेनी होगी, 2027 के लिए हम सभी कार्यकर्ता अपने मान-सम्मान-स्वाभिमान को खूंटी पर टांगकर निकलेंगे और प्रदेश के सभी मछुआ बाहुल्य गांव में जाकर मछुआ समाज को जोड़ने का काम करेंगे और गांवों में जाकर मछुआ समाज के सहयोग के लिए अन्य सभी जातियों से भी सहयोग मागेंगे। आज राज्य में किसी की भी सरकार, कोई भी पार्टी हो वो निषाद पार्टी और निषाद समाज को नजर अंदाज कर ही नहीं सकता है। ये मेरी अकेले की नहीं आप सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा है, कि आज मैं प्रदेश सरकार में मंत्री हूं, और ऐसी ही मेहनत आप सभी को 2027 की तैयारी के लिए करनी है।*संतकबीरनगर लोकसभा चुनाव की हार पर*हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव को लेकर कई पत्रकार बंधु, मेरे कार्यकर्ता, मेरे पदाधिकारियों लगातार संदेश आय़ा और कई लोगों ने तो सीधे मुझसे पुछा की क्या निषाद पार्टी लोकसभा संतकबीरनगर हारने के बाद खत्म हो जाएगी। मैंने आज तक किसी को इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया, यहां बैठे पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं के मन भी संतकबीरनगर को लेकर कई सवाल है, तो आज मैं आप सभी को स्पष्ट करता हूं कि निषाद पार्टी का भविष्य और संतकबीरनगर की हार पर मेरी राय क्या है। ये सच हैं हम लोकसभा संतकबीरनगर हारे हैं, मेरा बेटा ई0 प्रवीण निषाद वहां से चुनाव लड़ रहा था और वो सीट हम हार गए, तो यहां बैठे सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारी सुन लिजिए, ई0 प्रवीण निषाद- निषाद पार्टी नहीं है, मेरा परिवार- निषाद पार्टी नहीं है, मंच पर बैठे बड़ें पदाधिकारी निषाद पार्टी नहीं है, मैं खुद निषाद पार्टी नहीं हूं। निषाद पार्टी एक विचारधारा है, एक सोच है जो ना जाने मेरे जैसे कितने लोगों की परिकल्पना से बनीं है, एकमात्र चुनाव हारने से निषाद पार्टी खत्म हो जाएगी ऐसी सोच रखने वाले लोगों को मेरी शुभकामनाएं हैं की आप ऐसी सोच रखिए, क्योंकि मुझे और मेरे समाज को पता है कैसे भ्रम तोड़ें जाते हैं। लोकसभा चुनाव में चुनाव हमने नहीं भारतीय जनता पार्टी ने लड़ा था, ई0 प्रवीण निषाद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी थे अगर वो चुनाव हार गए तो उसका निषाद पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ा और ना पड़ने वाला है। निषाद पार्टी जब चुनाव हारती तब संतकबीरनगर लोकसभा में निषाद समाज ई0 प्रवीण निषाद को वोट नही देता, यहां संतकबीरनगर से कार्यकर्ता आए होंगे, आप सभी उनसे जरूर पुछिएगा कि क्या निषाद समाज का मत 80 प्रतिशत ई0 प्रवीण निषाद को गया की नहीं जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भी निषाद थे और इसके बावजूद उनकों निषाद समाज ने मत नहीं दिया इसका अर्थ साफ है कि निषाद पार्टी और निषाद समाज और भी डॉ0 संजय निषाद के नेत्तृव में आगे बढ़ रहा है। मैं आज इस मंच से यह भी स्पष्ट कर दूं कि कोई इस मुगालते में ना रहे कि वो चलें जाएंगे तो निषाद पार्टी खत्म हो जाएगी। जब तक मैं जीवित हुं मेरी खून और हड्डी में इतनी ताकत है कि निषाद समाज और पार्टी को अपने दम पर 100बार पुन: खड़ी कर सकता हूं। मेरे बेटे भी अगर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल मिलते हैं तो मैं एक क्षण नहीं सोचूंगा उनकों भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दूंगा। इसलिए निषाद पार्टी और डॉ0 संजय निषाद के विरोधियों को मेरी तरफ से शुभकामनाएं वो निषाद पार्टी को कमजोर करने की सोचे, मैं और मेरे कार्यकर्ता उतनी तेजी से आगे बढ़ेंगे।*विपक्ष द्वारा दुष्प्रचार और भ्रम कि स्थिति पर*मुझे कभी मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से पता चलता है कि निषाद पार्टी को लेकर विपक्ष द्वारा लगातार दुष्प्रचार और भ्रम कि स्थिति बनाई जा रही है। कुछ नए-नए नेता समाजवादी पार्टी से सांसद बने हैं जिनकों जनता लगातार ना जाने कितने विधानसभा-लोकसभा चुनाव हरवाएं है, जिनकों निषाद समाज ने नाकार दिया था वो आज निषाद पार्टी और मुझे लेकर राय दे रहे हैं। मैं उनसे पुछना चाहतां हू अयोध्या में अभी निषाद समाज की बेटी के साथ उनकी पार्टी के नेता ने दुष्कर्म किया था, उस समय लोकसभा और उत्तरप्रदेश की विधानसभा दोनों चल रही थी, मैं तो सोच रहा था कि लोकसभा में समाजवादी पार्टी के दोनों निषाद सांसद हमारे समाज की बेटी को लेकर आवाज उठाएंगें, लेकिन नहीं उठाएं वो तो विपक्ष में हैं और विपक्ष का तो काम है सरकार और कानून व्यव्स्था को लेकर सवाल उठाना किंतु समाजवादी पार्टी के दोनों सांसदों के मूंह से एक शब्द नहीं निकला, और वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की विधानसभा और विधानपरिषद में आपके बेटे ने सरकार को बताया कि समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा मेरे समाज की बेटी के साथ दुराचार किया गया है, इनकों कड़ी से कड़ी सजा दिलवाई जाएं।। मैं तो कभी कभी ये सोचकर परेशान हो जाता हूं की ऐसी भी क्या मजबूरी रही होगी दोनों नेताओं कि उन्होने एक शब्द नहीं बोला, अब .ये आपको तय करना है कि निषाद समाज को मजबूर नेता देना है या मजबूत नेता देना है। खैर मैं तो दोनों सासंदों के लिए महाराजा गुह्यराज निषाद जी से सदबुद्धि देने की कामना करूंगा। क्योंकि समाज से ऊपर कुछ नहीं होता है। तय आपको करना है ऐसे धोखेबाजों को गांव से भगाना है कि नहीं। एक और नेता गोरखपुर से निषाद समाज से आते हैं बीच बीच में उनको याद आता है कि निषाद महाकुंभ करना है, किंतु निषाद बेटी के साथ हुए अत्याचार पर उनके मूंह से एक शब्द नहीं निकलता है, सुनने में आय़ा है कि रूद्रपुर से वो नेता विपक्षी पार्टी से विधानसभा की टिकट के जुगाड़ में लगे हुए हैं। खैर वो विपक्षी पार्टी से कहीं से भी चुनाव लड़ जाएं निषाद पार्टी के कार्यकर्ता समाज के बहरूपिये की जमानत जब्त कराने का शुभ काम जरूर करेगी।एक बार जोरदार नारा लगाइये की लखनऊ से सुल्तानपुर होते हुए संतकबीरनगर के रास्ते गोरखपुर वाले हाथी के पुराने साथी तक आवाज पहुंचे कीजो निषाद समाज का नहीं, वो हमारे किसी काम का नहीं।।जो निषाद समाज का नहीं, वो हमारे किसी काम का नहीं।।ऐसी भी क्या मजबूरी है, समाज की बेटी पर हुए अत्याचार पर क्यों चुप्पी जरूरी है।ऐसी भी क्या मजबूरी है, समाज की बेटी पर हुए अत्याचार पर क्यों चुप्पी जरूरी है।आज भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पूण्यतिथि है, आज उनकी एक बात मुझे हमेशा प्रेरणा देती है कि जब भारतीय जनता पार्टी केवल चार सीट जीती थी तो उन्होनें सदन में कही थी कि सत्ता के लोग इतना खुश मत होइये 02 से सरकार तक आएंगे, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से हमें सीखना चाहिए 2014 से पूर्व किस माहौल में वो लोग काम करते थे, कितना परिश्रम करते थे क्योंकि उनका एक मात्र लक्ष्य था सत्ता में आए बिना समस्याओं का हल नहीं हो सकता है और तमाम विपरीत परिस्थितियों में उन्होने मेहनत करके केंद्र और प्रदेश में सरकार बनाई है। आज आप सभी को संकल्प लेना होगा कि ठेका-पट्टा, थाना-चौकी छोड़कर हमें भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की तरह काम करना होगा और 2027 का संकल्प पुरा करना होगा।