जयपुर : जयपुर अग्निकांड में मृतकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. अब तक इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि कई की हालत नाजुक बनी हुई है. ऐसे में अभी ये आंकड़ा बढ़ सकता है. हादसे में घायल 30 लोगों में 28 लोग 80 फीसदी से ज्यादा जल चुके हैं. डॉक्टरों की देखरेख में सभी घायलों का इलाज चल रहा है.
राजस्थान की राजधानी में हुई इस भीषण हादसे में कई मृतकों के शव इतनी बुरी तरीके से जल गए हैं कि उनकी पहचान तक नहीं हो पा रही है. ऐसे शवों की पहचान के लिए सरकार ने डीएनए टेस्ट करने का फैसला लिया है. मृतकों के DNA सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी से टेस्ट के लिए सैंपल लिए गए हैं. 6 शव ऐसे हैं, जिनकी शिनाख्त नहीं हो पा रही है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि आग में जो बस जलकर खाक हो गई है, उसका परमिट 16 महीने पहले ही एक्सपायर हो चुका था.
बता दें कि 20 दिसंबर को जयपुर-अजमेर हाईवे पर सुबह करीब 6 बजे एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच भीषण टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ था. धमाके के बाद आग की लपटें दूर तक पहुंचीं थीं, जिसने वहां से गुजर रहे करीब 40 वाहनों को चपेट में ले लिया था. इस हादसे के कई भयावह वीडियो भी सामने आए थे, जिसमें जिंदा जल चुके लोगों की खाक हो चुकी लाशें नजर आ रही थीं. हादसे में घायल लोगों की तस्वीरें भी सामने आईं थीं, जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा जल चुके लोगों को इलाज के लिए ले जाया जा रहा था.
हादसे पर सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है. राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत के निर्देश पर हादसे की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है. संयुक्त जांच दल हादसे के सभी पहलुओं की विस्तृत जांच करेगा. ये समिति दुर्घटना के लिए जिम्मेदार निर्माण और विभाग के दूसरे पहलुओं की भी जांच करेगी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने इस मामले में 20 जनवरी तक जांच रिपोर्ट मांगी है. हालांकि, कमेटी अगले सप्ताह ही रिपोर्ट जमा करने की तैयारी कर रही है.