नई दिल्ली : इजरायल और ईरान की जंग ने पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ा दिया है. दोनों देशों के बीच जंग से दुनिया दुनियाभर के देशों के टेंशन में दाल दिया है. इजरायल ने लगातार दूसरे दिन ईरान पर एयर स्ट्राइक जारी रखी. नेतन्याहू की सेना ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर लगातार हमले कर रही है. शुक्रवार देर रात इजरायल ने एक बार फिर ताबड़तोड़ मिसाइलें दागीं. जवाब में ईरान ने भी कार्रवाई में इजरायल पर दर्जनभर से ज्यादा मिसाइलें दागीं.
इजरायली सेना ने 13 जून की सुबह ईरान पर पहला हमला किया. इसे Operation Rising Lion नाम दिया गया. इस ऑपरेशन के तहत इजरायल ने ईरान पर 200 से ज्यादा फाइटर जेट से ईरान के 100 से ज्यादा ठिकानों पर हमला किया. इनमें ज्यादातर ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकाने थे. हमलों में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी, ईरानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के करीबी अली शामखानी और आईआरजीसी की एयरफोर्स के कमांडर आमिर अली हाजीजादेह जैसे बड़े अधिकारी भी मारे गए.
ईरान के इन हमलों के बीच इजराइली सेना ने बताया कि ईरान ने फिर से मिसाइल हमले शुरू किए हैं. ईरान की मिसाइलों की वजह से लगातार सायरन बज रहे हैं और लोग उत्तरी इजराइल में बंकर्स में शरण ले रहे हैं. लोगों से बम शेल्टर्स में जाने की अपील की गई है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह ऑपरेशन तब तक जारी रहेगा जब तक इजरायल की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती.
ईरान की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने भी ईरान के इस्फहान शहर पर मिसाइल अटैक किया है. इजरायल का दावा है कि यह हमला ईरान के परमाणु हथियार विकसित करने की क्षमता को रोकने के लिए किया गया क्योंकि ईरान के पास अब परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम जमा हो रहा है. इजरायली ने ईरान के चार परमाणु और दो सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए. इजराइली हमलों में अब तक 78 लोग मारे गए और 350 से ज्यादा घायल हुए.
इजरायल के ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के जवाब में ईरान का ट्रू प्रॉमिस 3
इजरायल के हमलों के जवाब में ईरान ने शुक्रवार रात ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ सैन्य ऑपरेशन शुरू किया. इसके तहत ईरान ने 150 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल की ओर दागीं, जिनमें से 6 मिसाइलें राजधानी तेल अवीव में गिरी, जिसमें एक महिला की मौत हो गई. वहीं, 63 लोग घायल हो गए. ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स में इजराइली रक्षा मंत्रालय को भी निशाना बनाने का दावा किया गया.
ईरान ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया है और देशभर में आपातकाल लागू कर दिया है. इजरायली रक्षा बल का दावा है कि उनके एयर डिफेंस सिस्टम ने ईरान के अधिकतर ड्रोन और मिसाइलों को नष्ट कर दिया. ईरान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तत्काल बैठक बुलाने की मांग की और इजरायली हमलों को आक्रामक सैन्य कार्रवाई करार दिया.
इससे पहले ईरान ने अप्रैल 2024 में ऑपरेशन ‘ट्रू प्रॉमिस 1’ के तहत इजरायल पर हमला किया था. यह हमला एक अप्रैल 2024 को सीरिया में ईरानी कॉन्सुलेट पर हुए हमले के जवाब में शुरू किया गया था. ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने इस ऑपरेशन में इजराइल पर सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें दागीं थी. इसके बाद अक्तूबर 2024 में ‘ट्रू प्रॉमिस 2’ के तहत इजरायल पर हमला किया गया था. यह ऑपरेशन हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की हत्या और ईरान के मिलिट्री ठिकानों पर हमलों के जवाब में शुरू किया था.
रातभर दोनों ओर से होती रही भीषण एयरस्ट्राइक
कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इजरायल और ईरान ने अब आर-पार का मन बना लिया है. दोनों देशों के बीच रातभर हमले होते रहे. इजरायल ने तेहरान और अन्य शहरों में बार-बार हवाई हमले किए, जबकि ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों के साथ पलटवार किया. इजरायल में लाखों लोग बंकरों में शरण लिए हुए हैं क्योंकि मिसाइल हमलों के कारण पूरे देश में लगातार सायरन बज रहे हैं.