ब्लड कैंसर एक बेहद खतरनाक बीमारी है, जिसके बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए हर साल 28 मई को वर्ल्ड ब्लड कैंसर डे मनाया जाता है। कैंसर का यह रूप बेहद आक्रामक होता है और खून, बोन मैरो और लिम्फेटिक सिस्टम को प्रभावित करता है। आपको बता दें कि ब्लड कैंसर तब होता है, जब ब्लड सेल्स में असामान्य ग्रोथ होने लगती है। इसके कारण बॉडी फंक्शन्स में रुकावट आने लगती है। ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा- इसके तीन मुख्य प्रकार हैं।
इस कैंसर का जल्दी पता लगाना जरूरी है, क्योंकि शुरुआती स्टेज में इससे रिकवर करने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन इसके लक्षण कई सामान्य बीमारियों से भी मैच करते हैं। इसलिए अक्सर लोग इन्हें पहले अनदेखा कर देते हैं और जब इस ओर ध्यान देते हैं, तब तक बीमारी अपने पैर पसार चुकी होती है।
इसलिए इसके शुरुआती लक्षणों के बारे में जानकारी होनी जरूरी है। आइए डॉ. रमन नारंग (सीनियर कंसल्टेंट- मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, एंड्रोमेडा कैंसर हॉस्पिटल, सोनिपत) और डॉ. प्रशांत मेहता (सीनियर कंसल्टेंट, कॉम्प्रिहेंसिव कैंसर केयर, अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद) से जानते हैं कि ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं।
ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण
लगातार थकान और कमजोरी- अगर बिना कोई काम या मेहनत किए आपको बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है और आराम करने के बाद भी यह ठीक नहीं होता, तो यह सामान्य बात नहीं है। बिना किसी कारण के लगातार थकान होना ब्लड कैंसर का लक्षण है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि कैंसर की वजह से शरीर में हेल्दी ब्लड सेल्स कम होने लगते हैं।
बार-बार इन्फेक्शन होना- अगर बार-बार बुखार, जुकाम या कोई इन्फेक्शन हो रहा है, तो यह ब्लड कैंसर का लक्षण हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि ब्लड कैंसर व्हाइट ब्लड सेल्स को प्रभावित करता है, जो इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है। इनके प्रभावित होने की वजह से इम्युनिटी कमजोर होने लगती है।
अकारण वजन घटना- अगर बिना किसी कारण के आपका वजन कम हो रहा है, तो यह ब्लड कैंसर का लक्षण हो सकता है। इस बात पर ध्यान दें कि आपका वजन कितना कम हो रहा है और आप कैसी लाइफस्टाइल फॉलो करते हैं। अगर बिना डाइटिंग या एक्सरसाइज के पिछले 6 महीनों में 10% से ज्यादा वजन कम हो चुका है, तो डॉक्टर से मिल लेना चाहिए।
आसानी से चोट लगना या खून बहना- ब्लड कैंसर सभी ब्लड सेल्स को प्रभावित करता है, जिसमें प्लेटलेट्स भी शामिल हैं। अगर आपको मामूली चोट लगने पर भी नील पड़ जा रहा है या आसानी से ब्लीडिंग होने लगती है, जो जल्दी रुकती नहीं, तो यह ब्लड कैंसर का एक संकेत हो सकता है।
हड्डियों या जोड़ों में दर्द- ब्लड कैंसर बोन मैरो को भी प्रभावित करता है। बोन मैरो में कैंसर सेल बढ़ने के कारण हड्डियों में दर्द हो सकता है, खासकर पीठ, पैर और रीढ़ की हड्डी।
लिम्फ नोड्स में सूजन- बगल, जांघ या गर्दन के आसपास लिम्फ नोड्स में सूजन, ब्लड कैंसर के एक टाइप, लिम्फोमा का संकेत हो सकता है। इस सूजन में आमतौर पर दर्द नहीं होता, लेकिन छूने पर पता चल जाता है।
रात को पसीना आना- नाइट स्वेट्स भी ब्लड कैंसर का एक लक्षण है। अगर बिना किसी कारण के आपको रात के समय ज्यादा पसीना आता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
ब्लड कैंसर का जल्द पता कैसे लगाएं?
ब्लड टेस्ट (CBC – कंप्लीट ब्लड काउंट)- इस टेस्ट में सभी ब्लड सेल्स- रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स की संख्या में किसी तरह की असमान्यता की जांच की जाती है। इस टेस्ट से पता लगाया जा सकता है कि ब्लड कैंसर का रिस्क है या नहीं।
बोन मैरो बायोप्सी- इस टेस्ट में हड्डियों के अंदर के टिश्यू या लिक्विड का सैंपल लेकर कैंसर सेल्स की जांच की जाती है।
इमेजिंग टेस्ट (एक्स-रे, सीटी स्कैन, PET स्कैन)- ये टेस्ट्स बॉडी ऑर्गन्स और लिम्फ नोड्स की जांच करने में मदद करते हैं।
जेनेटिक टेस्टिंग- कुछ मामलों में ब्लड कैंसर का पता लगाने के लिए जेनेटिक टेस्टिंग भी की जा सकती है।