41 हजार करोड़ रुपये खर्च कर 55,000 गांवों में 4G कनेक्टिविटी को दुरुस्त करेगी सरकार

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नई दिल्‍ली : देश में इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही कवरेज का दायरा भी लगातार बढ़ रहा है. देश के कई हिस्सों में 5G सेवाएं शुरू हो चुकी हैं. हम लोग तेज रफ्तार वाली इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं. इससे व्यावसायिक गतिविधियों को भी पंख लगे हैं. इसके बावजूद देश के दूर-दराज वाले इलाके अभी भी 4G की सेवाओं से अछूते हैं. ऐसे इलाकों और गांवों के लिए मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब ऐसे क्षेत्रों में ताबड़तोड़ हजारों की तादाद में 4G मोबाइल टावर लगाने का ऐलान किया गया है. सरकार की ओर से इसके लिए हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. उम्‍मीद है कि 4G की सेवा मिलने से संबंधित क्षेत्रों में व्‍यावसायिक गतिविधियां भी रफ्तार पकड़ेंगी. इंटरनेट आधारित रोजगार के अवसर भी सृजित होने की संभावना है.

दूरसंचार मामलों के राज्‍यमंत्री देवसिंह चौहान ने बताया कि कुल 41,160 मोबाइल टावर लगाने के प्रस्‍ताव को हरी झंडी दिखा दी है. इसके लिए 41,331 हजार करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं. इन मोबाइल टावर के जरिये देश के 55,000 गांवों में 4G कनेक्टिविटी को दुरुस्‍त किया जाएगा. ये गांव भी 4G से कनेक्‍ट हो जाएंगे. केंद्रीय मंत्री ने राज्‍यसभा में इसकी जानकारी दी. साथ ही उन्‍होंने बताया कि भारत में 1 अक्‍टूबर 2022 में 5G सेवा शुरू की गई थी. पिछले 14 महीनों में 4.15 लाख जगहों पर 5G की सेवाएं मुहैया कराई जा रही है. इससे देशभर के कुल 742 जिले लाभान्वित हो रहे हैं.

5G सेवा का दुनिया में सबसे तेज विस्‍तार
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि भारत में 5G का विस्‍तार दुनिया में सबसे तेज गति से किया गया है. उन्‍होंने बताया कि देश में दूरसंचार से जुड़ी आधारभूत संरचना को दुरुस्‍त करने के लिए सरकार अनेक तरह की योजनाएं लागू की जा रही हैं. बता दें कि मोदी सरकार देश में टेलीकॉम इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को दुरुस्‍त करने के लिए कई तरह की योजनाएं लागू की जा रही हैं. इसका उद्देश्‍य देश के विभिन्‍न हिस्‍सों को तेज रफ्तार इंटरनेट से जोड़ना है, ताकि इंटरनेट आधारित रोजगार को बढ़ावा दी जा सके और ज्‍यादा से ज्‍यादा युवा को आर्थिक रूप से आत्‍मनिर्भर बन सकें.

1.88 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान
मंत्री देवसिंह चौहान ने बताया कि भारत-नेट प्रोग्राम का दायरा बढ़ाया गया है. इस योजना के तहत देश के हर गांव को इंटरनेट से कनेक्‍ट करना है. इसके लिए 1.88 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्‍होंने दावा किया कि पिछले तकरीबन 10 वर्षों में देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी में जबदरस्‍त सुधार हुआ है. मई 2014 तक ऑप्टिकल फाइबर 10.62 लाख किलोमीटर तक बिछाई गई थी. दिसंबर 2023 में 39 लाख किलोमीटर तक ऑप्टिकल फाइबर का जाल बिछाया जा चुका था.

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