भारत सरकार ने वैश्विक ऊर्जा चुनौती को अच्छे से संभाला : केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी

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जयपुर । भारत सरकार ने विकासशील अर्थव्यवस्था को कच्चे तेल और गैस की बढ़ती कीमतों से बचाते हुए वैश्विक ऊर्जा चुनौतियों का अच्छी तरह से सामना किया है। भारतीय पेट्रोलियम उद्योग अवसर के शिखर पर है और 2030 तक अपनी कच्चे तेल की मांग का 25% उत्पादन करने में सक्षम होगा। वर्तमान में हमारे देश में हर दिन 50 लाख बैरल पेट्रोलियम की खपत हो रही है और यह भी तीन प्रतिशत की वृद्धि हो रही है, जो वैश्विक औसत लगभग एक प्रतिशत से अधिक है। केंद्रीय पेट्रोलियम और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को यहां जेईसीसी, सीतापुरा में शुरू हुए तीन दिवसीय साउथ एशियन जियोसाइंस कॉन्फ्रेंस जियोइंडिया 2022 में मीडिया से यह बात कही। इस दौरान उद्घाटन सत्र में उन्होंने वरिष्ठ भूविज्ञानी श्याम व्यास राव, पूर्व निदेशक (अन्वेषण), ओएनजीसी को भी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किया।
उद्घाटन सत्र में मंत्री ने कहा कि पेट्रोल में इथेनॉल-मिश्रण प्रतिशत 2013 में 0.67 प्रतिशत से बढ़कर मई 2022 में 10 प्रतिशत हो गया है, यानी निर्धारित समय से 5 महीने पहले। यह 2.7 मिलियन टन सीओ2 उत्सर्जन को कम कर रहा है जो पर्यावरण के लिए अच्छा है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुमानों के अनुसार, भारत आने वाले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा खपत में वृद्धि का एक चौथाई (25%) योगदान देगा। बीपी का अनुमान है कि भारत की ऊर्जा मांग दोगुनी हो जाएगी, जबकि प्राकृतिक गैस की मांग 2050 तक पांच गुना बढ़ने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि देश में पाइप लाइन का कार्य तेज गति से हो रहा है 2014 तक गैस पाइप लाइन 14000 किलोमीटर तक थी, आज 22000 किलोमीटर से अधिक तक पहुंची है इस पाइपलाइन को 35500 किलोमीटर तक ले जाने का लक्ष्य है।

पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने कहा कि भूविज्ञान विशेषज्ञों को इस अवसर का उपयोग ऊर्जा स्रोतों की बढ़ती मांग और कमी के संदर्भ में अपने योगदान को बढ़ाने के लिए करना चाहिए। उन्होंने भू-वैज्ञानिक बिरादरी से गहरे पानी, अल्ट्रा-डीप वाटर और ऑनशोर के लिए अनुकूल ज्ञान विकसित करने के लिए कहा जिससे बेहतर पर्यावरण संतुलन के साथ तेल और गैस उत्पादन को बढ़ाया जा सके।4

इससे पहले, आगंतुकों का स्वागत करते हुए, राजेश कुमार श्रीवास्तव, सीएमडी, तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) और एपीजी के मुख्य संरक्षक ने कहा तेल और गैस क्षेत्र में स्वचालन प्रौद्योगिकी का वैश्विक बाजार मूल्य 2030 तक लगभग दोगुना और लगभग 42 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यह अच्छा समय है कि

तेल और गैस क्षेत्र डिजिटल परिवर्तन का लाभ उठाएं।
सम्मेलन के पहले दिन, पंकज जैन, सचिव, एमओपीएनजी, एससीएल दास, डीजी-डीजीएच, एक्सॉनमोबिल के एमडी जस्टिन मर्फी, इक्विनोर के एमडी देसिकन सुंदरराजन, एमडी एल-टौखी, इन्वेस्ट इंडियाज, ऊर्जा मामलों के विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा सहित अन्य विशेषज्ञों द्वारा सत्रों में भाग लिया गया। पहले दिन केंद्रीय मंत्री ने जियोइंडिया 2022 की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया, जहां कई भारतीय और वैश्विक पेट्रोलियम कंपनियां और सेवा प्रदाता तेल और गैस की खोज और उत्पादन के लिए अपनी अत्याधुनिक सेवाओं और उपकरणों का प्रदर्शन कर रहे हैं।

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