मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को अस्पताल में ली अंतिम सांस

टॉप न्यूज़ देश

नई दिल्ली : मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन हो गया है. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वे दिल से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे थे. वे 73 साल के थे. वे ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे थे.

शिवराज सिंह चौहान ने दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जाकिर हुसैन को श्रद्धांजलि दी है. X पर उन्होंने लिखा- संगीत नाटक अकादमी, ग्रैमी, पद्म श्री, पद्म भूषण व पद्म विभूषण जैसे अनेक पुरस्कारों से सम्मानित, सुप्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद श्री जाकिर हुसैन जी का निधन कला एवं संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों व प्रशंसकों को यह अथाह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!

राजवर्धन सिंह राठौड़ ने शोक व्यक्त किया
राजस्थान के केबिनेट मंत्री राजवर्धन सिंह राठौड़ उस्ताद जाकिर हुसैन के निधन पर शोक जाहिर करते हुए एक्स पर पोस्ट किया, ‘जाकिर हुसैन की तबले पर असाधारण महारत ने संगीत की दुनिया में एक कालजयी विरासत बनाई है. उनके परिवार, दोस्तों और उन अनगिनत फैंस से मेरी गहरी सहानुभूति है, जिनके जीवन को उन्होंने अपनी क्रिएटिविटी से प्रभावित किया. उनका संगीत हमारे दिलों में हमेशा गूंजता रहेगा.’

दिल से जुड़ी समस्या से पीड़ित थे जाकिर हुसैन
जाकिर हुसैन के मित्र बांसुरीवादक राकेश चौरसिया ने एक न्यूज़ एजेंसी को बताया कि सेहत बिगड़ने के बाद उन्हें पिछले हफ्ते आईसीयू में भर्ती कराया गया था. वे दिल से जुड़ी समस्या के कारण पिछले हफ्ते से सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती थे.

दुनिया में भारत का बढ़ाया था मान
जाकिर हुसैन मशहूर तबला वादक उस्ताद अल्लाह रक्खा के सबसे बड़े बेटे थे. उन्होंने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए भारत और दुनिया भर में खूब नाम कमाया. वे भारत के सबसे मशहूर शास्त्रीय संगीतकारों में से एक थे. उन्हें साल 1988 में पद्म श्री, साल 2002 में पद्म भूषण और साल 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. उन्होंने संगीत की दुनिया का बड़ा पुरस्कार ग्रैमी अवॉर्ड भी अपने नाम किया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *