लखनऊ 15 मार्च 2024। अपने भविष्य को लेकर चितिंत हजारों डिप्लोमा धारियों ने आज लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष का घेराव किया। डिप्लोमाधारियों ने डिप्लोमा को लेकर विभागाध्यक्ष वी.के. श्रीवास्तव द्वारा जारी विवादास्पद पत्र को सरकार की नियमावली एवं उच्च न्यायालय के आदेश के विपरीत बताया। डिप्लोमा धारियों का कहना था कि उच्च न्यायालय की वृहद पीठ द्वारा अपने एक निर्णय में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि जूनियर इंजीनियर की अर्हता नियमावली में डिप्लोमाधारी हैं। यह पूर्णतया उचित हैं । आन्दोलन कारियों का कहना था कि विभागाध्यक्ष को इस तरह सरकार के नियम के विरुद्ध एवं न्यायालय के निर्णय के विपरीत विवादास्पद पत्र नहीं लिखना चाहिए। इस तरह के गैर वाजिब आदेश से भर्ती प्रक्रिया उलक्ष जाएगी तथा कम आय वाले परिवारों के डिप्लोमाधारी बच्चों का भविष्य अंधेरे में चला जाएगा। उनका कहना था कि उन्होंने डिप्लोमा इसी कारण से लिया था कि वे भविष्य में जूनियर इंजीनियर बनकर प्रदेश और देश के विकास की रीढ़ कहे जाने वाले अभियंत्रण विभाग में अपनी भूमिका का निर्वहन कर अपने परिवार का भरण पोेषण कर सकेगें। बहरहाल जिस तरह से डिप्लोमाधारी उग्र नजर आ रहे थे भविष्य में यह आन्दोलन प्रदेश के साथ राष्ट्रीय स्तर का रूप ले सकता है। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में पाच लाख और देश में एक करोड़ से अधिक डिप्लोमाधारी बेरोजगार है।
डिप्लोमाधारियों का कहना है कि मध्यम एवं अल्पआय वर्ग के समाज से आने वाले बच्चें आईआईटी, इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिला नही ले पाते। ऐसी स्थिति में उनके सामने पॉलीटेक्निक ही एक विकल्प बचता हैं। प्रदेश के दो दर्जन से अधिक विभागों में अब तक हजारों हजार डिप्लोमा इंजीनियर जूनियर इंजीनियर की बेहतरीन सेवा दे रहे है। समय समय पर मुख्यमंत्री विभागीय मंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों द्वारा जूनियर इंजीनियर को विभाग की रीढ़ जैसे सम्मानित सम्बोधनों से सम्मानित किया गया है। विभागाध्यक्ष लोक निर्माण विभाग का डिप्लोमाधारियों के सम्बंध में जारी आदेश इसके ठीक विपरीत है
