देश में धनतेरस की धूम, बाजारों में रौनक, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि का समय

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धनतेरस पर्व शुक्रवार 10 नवम्बर को देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा। धनतेरस पर तीन शुभ संयोग, हस्त नक्षत्र और प्रीति योग में धनतेरस है. हिन्दू धर्म में आज के दिन प्रदोष काल में माता लक्ष्मी और कुबेर की विधि विधान से पूजा की जाती है. उनकी कृपा से धन, संपत्ति, सुख, वैभव आदि में वृद्धि होती है.

धनतेरस पर सोना और पीतल की वस्तुएं खरीदने का महत्व है. सोने को माता लक्ष्मी की प्रतीक मानते हैं और धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि सोने का कलश लेकर प्रकट हुए थे. उनको सुनहरा और पीला रंग प्रिय है. आइये जानते हैं धनतेरस पर लक्ष्मी-कुबेर पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, खरीदारी का सही समय, मंत्र, पूजन सामग्री आदि.

धनतेरस पर 3 शुभ संयोग
धनतेरस पर 3 शुभ संयोग बने हैं. पहला आज शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की पूजा का है और धनतेरस पर भी लक्ष्मी पूजा होती है. दूसरा धनतेरस पर शुक्र प्रदोष व्रत भी है. तीसरा आज माता लक्ष्मी, कुबेर की पूजा के अलावा भगवान शिव की भी पूजा होगी.

धनतेरस 2023 शुभ मुहूर्त
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ: आज, दोपहर 12:35 बजे से
कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि का समापन: कल, दोपहर 01:57 बजे तक
हस्त नक्षत्र: आज, प्रात:काल से लेकर रात 12:08 बजे तक
प्रीति योग: आज, शाम 05:06 बजे से कल 04:59 बजे तक
धनतेरस पूजा मुहूर्त: आज, शाम 05:47 बजे से लेकर शाम 07:47 बजे तक
सोना खरीदने का सही समय: दोपहर 12:35 पीएम से कल सुबह 06:40 बजे तक

धनतेरस 2023 पूजा सामग्री
माता लक्ष्मी और कुबेर की नई मूर्ति या तस्वीर, नए वस्त्र, कमलगट्टा, कमल और लाल गुलाब, फूलों की माला, साबुत धनिया, दूर्वा, कुश, पंच मेवा, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, लकड़ी की चौकी, अक्षत्, हल्दी, रोली, सिंदूर, दही, दूध, फल, शहद, गंगाजल, शक्कर, शुद्ध घी, सुपारी, पान का पत्ता, पंच पल्लव, नैवेद्य, मिठाई, गुलाल, कपूर, रुई की बत्ती, दीपक, धूप, गंध, यज्ञोपवीत, कुमकुम, इलायची, लौंग, चांदी या सोने का सिक्का, नारियल, बहीखाता, रक्षासूत्र, इत्र, कुश का आसन आदि.

धनतेरस पूजा मंत्र
लक्ष्मी पूजा मंत्र: ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नम:॥
कुबेर पूजा मंत्र: ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥

धनतेरस 2023 माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा विधि
आज शुभ मुहूर्त में लकड़ी चौकी पर कुबेर, गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति की स्थापना करें. उनका पूजन अक्षत, सिंदूर, फूल, दूर्वा, पान का पत्ता, सुपारी, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से करें. भगवान गणेश को मोदक, माता लक्ष्मी को खीर और कुबेर जी को धनिया की पंजीरी का भोग लगाएं.

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