लखनऊ के ऐतिहासिक साहू थिएटर में एक अनोखी सांस्कृतिक शाम का अआयोजन किया गया, जिसमें प्रसिद्धदास्तानगो डॉ. हिमांशु बाजपेयी और डॉ. प्रज्ञा शर्मा ने “दास्तान-ए-जान-ए-आलम” प्रस्तुत किया । दास्तानअवध के अंतिम बादशाह वाजिद अली शाह पर आधारित है और इसका पहला सार्वजनिक प्रदर्शन था, जिसेदर्शकों से खूब सराहना मिली।हिमांशु और प्रज्ञा ने इस दास्तान को सालों की मेहनत और शोध के बाद तैयार किया है, जिसका उद्देश्य वाजिदअली शाह के जीवन और उनके समय का लखनवी दृष्टिकोण प्रस्तुत करना है, साथ ही अंग्रे्जों द्वारा फैलाए गएभ्रमों और गलतफहमियों को दूर करना है।साहू थिएटर, जो लखनऊ का सबसे पुराना और प्रतिष्ठित सिनेमा हॉल है, ने अब सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए भीअपने द्वार खोल दिए हैं । अब दर्शक यहां वाणिज्यिक फिल्मों के साथ -साथ लखनऊ की सांस्कृतिक धरोहर का भीआनंद ले सकंगे। समय के साथ खुद को बदलते हुए, साहू थिएटर ने दर्शकों को विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करनेके लिए अपनी विरासत को और समृद्ध किया है।
