सीबीआई ने किरू जलविद्युत परियोजना अनुबंध घोटाले के सिलसिले में की छापेमारी

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नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जम्मू में 2200 करोड़ रुपये की किरू जलविद्युत परियोजनाओं में पाई गई अनियमितताओं के संबंध में श्रीनगर, जम्मू, दिल्ली, मुंबई और पटना सहित पांच अलग-अलग शहरों में 16 स्थानों पर तलाशी अभियान चला रही है। सीबीआई के एक सूत्र ने कहा कि श्रीनगर में दो स्थानों, दिल्ली में पांच, मुंबई में तीन, पटना में एक और जम्मू में पांच स्थानों पर आरोपियों के सहयोगियों, बिचौलियों और मामले में शामिल अन्य लोगों के ठिकानों पर तलाशी ली जा रही है।

सूत्र ने कहा कि 20 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल सत्यपाल मलिक के अनुरोध पर कई अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन अधिकारियों में नवीन कुमार चौधरी, आईएएस, तत्कालीन अध्यक्ष, सीवीपीपीपीएल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके अलावा एम. एस. बाबू, तत्कालीन एमडी, सीवीपीपीपीएल; एम. के. मित्तल, तत्कालीन निदेशक, सीवीपीपीपीएल; अरुण कुमार मिश्रा, तत्कालीन निदेशक, सीवीपीपीपीएल और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने पूर्व एलजी को भी रिश्वत देने की कोशिश की थी।

सीबीआई सूत्र ने कहा, “2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों के 2200 करोड़ रुपये के अनुबंध को एक निजी कंपनी को देने में कदाचार के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। किरू जलविद्युत परियोजना को लेकर ई-निविदा के संबंध में दिशा-निर्देशों का पालन भी नहीं किया गया था।

इससे पहले 21 अप्रैल को सीवीपीपीपीएल के तत्कालीन चेयरमैन, तत्कालीन एमडी और तत्कालीन निदेशकों सहित कई आरोपियों के परिसरों पर भी छापेमारी की गई थी।

जांच के दौरान, इन बिचौलियों और लोक सेवकों के बीच तत्कालीन अध्यक्ष वित्तीय लेनदेन सहित बिचौलियों की कथित भूमिका का खुलासा करने वाले सबूत मिले और तदनुसार, बुधवार को 16 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।

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