तीसरी बार बनेगी भाजपा सरकार, मोदी फिर बनेंगे प्रधानमंत्रीः अमित शाह

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नई दिल्ली: दिल्ली के भारत मंडपम में बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने संबोधित करते हुए कहा कि,‘ देश ने तय कर लिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर से देश के पीएम बनेंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है। आज दुनिया में कहीं भी जाओगे तो लोग पूछेंगे कि मोदी के भारत से आरहे हो। “75 वर्ष में इस देश ने 17 लोकसभा चुनाव, 22 सरकारें और 15 प्रधानमंत्री देखे हैं। देश में हर सरकार ने अपने समय पर समयानुकूल विकास करने का प्रयास किया है, लेकिन आज बिना किसी कन्फ्यूजन के कहा जा सकता है कि समग्र विकास, हर क्षेत्र का विकास और हर व्यक्ति का विकास करने का काम केवल नरेंद्र मोदी जी के 10 वर्षों में हुआ है।

मोदी जी ने अपने 10 साल के कार्यकाल में परिवारवाद, जातिवाद, तुष्टीकरण को खत्म कर देश के अंदर ‘पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस’ की स्थापना की है। देश के प्रतीकों पर अंग्रेजों की गुलामी की जितनी भी निशानियां थीं, उन्हें धीरे-धीरे हटाने का काम किया है। भारतीय राजनीति के चाणक्य शाह ने इसके अलावा कहा की इन कार्यों को आजादी के तुरंत बाद किया जाना चाहिए था। हालांकि कांग्रेस ने कभी भी यह करने की कोशिश नहीं की। पहले पांडव और कौरव जिस तरह दो खेमे में बंटे हुए थे। ठीक उसी तरह आज भी दो खेमे हैं। एक तरफ है मोदी जी के नेतृत्व में NDA का गठबंधन और दूसरा है कांग्रेस के नेतृत्व में सारी परिवारवादी पार्टियों का घमंडिया गठबंधन। ये घमंडिया गठबंधन भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण की राजनीति का पोषक है और भाजपा एवं NDA गठबंधन राष्ट्र प्रथम के सिद्धांत पर चलने वाला गठबंधन है। राष्ट्र प्रथम हमारे गठबंधन का आधार है।दूसरी ओर अपने परिवार की चिंता करने वाली पार्टियां हैं।

इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह जी ने कहा कि, मोदी जी देश के गरीबों के लिए काम कर रहे हैं, दूसरी ओर अपने परिवार की चिंता करनेवाली पार्टियां हैं। “सोनिया गांधी का लक्ष्य राहुल गांधी को पीएम बनाना है, पवार साहब का लक्ष्य अपनी बेटी को सीएम बनाना है। ममता दीदी का लक्ष्य भतीजे को सीएम बनाना है। जबकि स्टालिन, लालू यादव उद्धव ठाकरे का लक्ष्य भी अपने बेटे की सीएम बनाना है। गौरतलब है की मुलायम सिंह यादव तो पहले ही बेटे को सीएम बनाकर गए। इन सबका लक्ष्य केवल सत्ता हासिल करना है। ऐसे में क्या यह पार्टियां कभी गरीबों के कल्याण के बारे में सोचेंगी?…कभी नहीं।”

 

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