नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच अभूतपूर्व तनाव देखा जा रहा है. दोनों देश जंग की कगार पर पहुंच गए हैं, जिसे देखते हुए अमेरिका भी एक्टिव हो गया है. अमेरिका ने रविवार को कहा कि वह भारत और पाकिस्तान दोनों के संपर्क में है और दोनों देशों से ‘जिम्मेदार समाधान’ की दिशा में काम करने का आग्रह कर रहा है.
समाचार एजेंसी के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता ने ईमेल के जरिये भेजे गए एक बयान में कहा, ‘यह एक लगातार बदलती हुई स्थिति है और हम हालात पर करीबी नजर बनाए हुए हैं. हम भारत और पाकिस्तान की सरकारों के साथ कई स्तरों पर संपर्क में हैं.’
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका सभी पक्षों से मिलकर जिम्मेदारी से समाधान निकालने की अपील करता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ खड़ा है और पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता है. उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वैंस के हालिया बयानों को दोहराते हुए यह बात कही.
पाकिस्तान की कैसे टेंशन बढ़ा सकता है अमेरिका?
रिपोर्ट में वॉशिंगटन स्थित दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ और फॉरेन पॉलिसी पत्रिका के लेखक माइकल कुगेलमैन के हवाले से कहा गया कि अब भारत पाकिस्तान के मुकाबले अमेरिका का कहीं ज्यादा करीबी साझेदार बन चुका है. कुगेलमैन ने बताया कि इससे इस्लामाबाद को यह चिंता हो सकती है कि अगर भारत सैन्य जवाबी कार्रवाई करता है, तो अमेरिका भारत के आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए कदमों का समर्थन कर सकता है और पाकिस्तान के पक्ष में हस्तक्षेप नहीं करेगा.
कुगेलमैन ने यह भी कहा कि चूंकि वॉशिंगटन पहले से ही रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा में इजरायल के संघर्ष जैसे बड़े वैश्विक मुद्दों में गहराई से उलझा हुआ है, इसलिए ट्रंप प्रशासन के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को तुरंत संभालना मुश्किल हो सकता है. शुरुआती दिनों में अमेरिका शायद भारत और पाकिस्तान को खुद ही हालात संभालने दे.
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों का नरसंहार कर दिया गया था, इनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं और सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया है. सरकार ने कहा है कि हमले के दोषियों और उनके साजिशकर्ताओं को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.