प्रागैतिहासिक काल में शिकार करते समय एक युवक को उसके कबीले से अलग कर दिया जाता है। इसी दौरान उसकी मुलाकात शिकार में खोए एक भेड़िये से होती है और यहीं से शुरू होती है दोस्ती की जिसने इंसानियत के इतिहास को हमेशा के लिए बदल दिया।
निर्देशक अल्बर्ट ह्यूज की ‘अल्फा’ एक लड़के और उसके कुत्ते की कहानी है, लेकिन फर्क यह है कि कहानी 20 हजार साल पुरानी है और कुत्ते और इंसान की पहली दोस्ती है। निर्देशक ने इस संवेदनशील विषय को खूबसूरती से पेश किया है कि कैसे कुत्ते और इंसान यूरोप के बर्फीले जंगलों में पहली बार करीब आए।
इस फिल्म को देखने से रोमांच और सुकून मिलता है साथ ही इस फिल्म में कई ऐसे मौके भी हैं जो आपको हैरान कर देंगे। फिल्म की कहानी बहुत ही साधारण है लेकिन प्रभावित करती है। युवा केड़ा अपने कबीले से अलग होने के बाद घने जंगल में अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा है। इसी जंगल में उसकी मुलाकात एक आवारा भेड़िये से होती है। यूरोप का कड़ाके की ठंड का मौसम शुरू होने से पहले दोनों को घने जंगलों और पहाड़ों को पार करके अपने कबीले तक पहुंचना होता है और यहीं से साझेदारी शुरू होती है जिसे हम ‘मनुष्य का सबसे अच्छा दोस्त’ के नाम से जानते हैं।
इस फिल्म में ज्यादा डायलॉग नहीं हैं और जो हैं वो किसी न किसी भाषा में हैं जो आपको समझ में नहीं आएंगे और इसके लिए फिल्म में सब-टाइटल दिए गए हैं। केडा की भूमिका में अभिनेता कीडो स्मिट मैकफी ने बहुत अच्छा काम किया है। वह एक खोए हुए युवा और जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे व्यक्ति की भूमिका को जीवंत करता है।
फिल्म का आधा काम इसके ग्राफिक्स और छायांकन पर टिका हुआ है, और छायाकार मार्टिन शुल्त्स और दृश्य ग्राफिक टीम ने एक ऐसी दुनिया बनाई है जो बिल्कुल प्रागैतिहासिक दिखती है। फिल्म का डायरेक्शन भी कमाल का है। द बुक ऑफ एले जैसी फिल्में बना चुके अल्बर्ट ह्यूज ने ड्रामा और फंतासी को इस तरह से जोड़ा है कि आप इस कहानी पर विश्वास करने लगते हैं। यह देखना दिलचस्प है कि प्रागैतिहासिक काल में मानव प्रजाति ने अपना जीवन कैसे व्यतीत किया।
अगर आप एनिमल लवर हैं तो यह फिल्म आपके लिए है और अगर आप नहीं भी हैं तो यह फिल्म आपके लिए है, हां यह एक धीमी लेकिन अच्छी फिल्म है जो आपको बड़े पर्दे पर धमाल मचा देगी।