नई दिल्ली, पीटीआइ। अमेरिकी बांड मार्केट में मची खलबली का इस हफ्ते घरेलू बाजारों पर असर दिखना तय माना जा रहा है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ रही कीमतें व वृहद घरेलू आर्थिक आंकड़े भी निवेशकों को प्रभावित करने वाले साबित हो सकते हैं। शेयर बाजार में इस हफ्ते विदेशी संस्थागत व घरेलू निवेशकों की दिशा डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति व कोरोना के नए मामलों पर भी निर्भर करेगी।
पिछले हफ्ते बीएसई का सेंसेक्स 2.65 प्रतिशत की बढ़त पाने में सफल रहा। हालांकि बांड मार्केट में आए उछाल से शुक्रवार को सेंसेक्स में 440.76 एवं निफ्टी में 142.65 अंकों की गिरावट आई थी। जानकार इस हफ्ते भी सुस्ती का अनुमान जता रहे हैं।
कोटक सिक्युरिटीज में फंडामेंटल रिसर्च के प्रमुख रस्मिक ओजा ने बताया कि अमेरिका में बांड रिटर्न का स्तर 1.5 प्रतिशत को पार कर चुका है। यह शेयर बाजार के लिए अच्छा संकेत नहीं कहा जा सकता। बांड मार्केट में फिर से मची खलबली के चलते निवेशकों का शेयर बाजार की ओर रुख नरम पड़ सकता है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि बाजार की चाल अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आगामी निर्णय पर निर्भर कर सकती है। इसके अलावा, घरेलू स्तर पर वृहद आर्थिक आंकड़े जैसे खुदरा महंगाई दर, थोक महंगाई दर व आइआइपी का भी निवेशकों पर प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत बढ़ते हुए 69 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा चुकी है। ऐसे में बाजार पर इसका असर भी देखने को सकता है।