दिल्ली में बाढ़ से तबाही, कई इलाकों में में घुसा यमुना का पानी, श्मशान घाट भी डूबे

दिल्ली/एनसीआर राज्य

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों बाढ़ के संकट से जूझ रही है. इसका असर सीधे प्रशासनिक और आम जनजीवन पर दिखाई देने लगा है. हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि दिल्ली सचिवालय तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है, वहीं मयूर विहार फेज-1 में बनाए गए राहत कैंप भी डूब गए हैं. स्वामी नारायण मंदिर, फुटओवर ब्रिज और सिविल लाइंस इलाके में भी पानी भर गया है. यहां बंगलों में भी पानी भर चुका है.

दूसरी ओर, एनएच-44 पर अलीपुर के पास फ्लाईओवर का हिस्सा धंस गया, जिसमें एक वाहन फंस गया और ड्राइवर घायल हो गया. सचिवालय, रिलीफ कैंप और सड़कों तक पानी घुसने से यह साफ है कि राजधानी दिल्ली इस समय बाढ़ के कहर की मार झेल रही है और लोगों के सामने सुरक्षा के साथ-साथ आवाजाही की भी बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. गीता कॉलोनी में बाढ़ का पानी परिसर में भर जाने से अंतिम संस्कार रोक दिए गए हैं.

दिल्ली सचिवालय के पास यमुना का पानी पहुंच चुका है. यमुना फ्लड प्लेन से सटे दिल्ली सचिवालय के अंडरपास में पानी भर रहा है, जिसे निकालने के लिए Suction पाइप्स भी लगाए गए हैं, लेकिन फिलहाल पानी भरा नजर आ रहा है. इसी के साथ यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कश्मीरी गेट इलाके के कुछ हिस्सों में पानी भर गया है. ड्रोन से ली गई तस्वीरों में दिख रहा है कि यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. कश्मीरी गेट बस टर्मिनल जलमग्न हो गया है.

जानकारी के अनुसार, बुधवार तड़के तक यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर पर स्थिर बना हुआ है. देर रात 2 बजे से सुबह 6 बजे तक जलस्तर में न तो इजाफा हुआ और न ही कमी आई. हालांकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है, जिसके ऊपर नदी फिलहाल बह रही है. रिंग रोड से जुड़ा जमुना मार्ग, जो सिविल लाइन की तरफ जाता है, वहां भारी जलभराव है.

राहत कैंप भी जलमग्न
स्थिति और खराब तब हो गई, जब राहत के लिए बनाए गए कैंप भी पानी में डूबने लगे. मयूर विहार फेज-1 के पास लगाए गए कई राहत शिविरों में पानी घुस गया है. यहां रह रहे लोग अब दोहरी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं- एक तरफ घरों से विस्थापित होना और दूसरी ओर राहत कैंपों में भी सुरक्षित जगह का न मिलना.

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