शिमला : हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली में बनी अवैध मस्जिद पर क्या बुलडोजर चलेगा? यह बड़ा सवाल बना हुआ है. लेकिन अब अवैध निर्माण को लेकर विवाद बढ़ गया है. गुरुवार को शिमला के चौड़ा मैदान और संजौली में जमकर बवाल हुआ. हालांकि, शांतिपूर्व तरीके से प्रोटेस्ट किया गया और कोई हिंसा नहीं हुई हिंदू संगठनों ने मोर्चा खोला और प्रदर्शन किया. हिंदू संगठनों के लोग यहां पर दोपहर बाद एकत्र हुए और रोष मार्च निकाला.
उधऱ, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में इस मुद्दे पर नगर निगम प्रशासन की रिपोर्ट सदन में पेश करने वाले मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी यहां पर पहुंचे और धरना के संबोधित किया. हिंदू संगठनों ने इस मामले में अब सरकार को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है. इस दौरान संजौली में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. एसपी शिमला भी मौके पर पहुंचे थे. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि यह पूरा विवाद क्या है.
दरअसल, शिमला के संजौली में एक मस्जिद है. यहां पर पहले कोई विवाद नहीं था. लेकिन दो सप्ताह पहले संजौली के मल्याणा में एक शख्स से मारपीट की गई. इस मारपीट में विशेष समुदाय के छह लोगों को गिरफ्तार किया गया. ये सभी आरोपी यूपी के सहारणपुर के रहने वाले हैं. लोगों ने पुलिस की कार्रवाई पर रोष जताया और फिर थाने का घेराव किया. क्यों पुलिस ने पहले हल्की धारा में केस दर्ज किया था. बाद में सभी लोग मस्जिद के सामने पहुंचे और 2 सितंबर को मस्जिद के सामने वहां पर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. अहम बात है कि यहां पर बिल्डिंग के साथ शौचालय बनाया गया था, जिसे 24 जून 2024 को गिराया गया था.
2010 से निर्माण किया जा रहा है-मंत्री
हिमाचल प्रदेश के शहरी एवं विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि यहां पर 2010 में निर्माण शुरू किया गया. उन्होंने बताया कि यह जमीन सरकारी जमीन है और यह मस्जिद अवैध है और इसे गिराया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि जमात के लोग रोज आ रहे हैं. वे एक-दो लोगों को जानते हैं, जोकि बांग्लादेश से आए हैं. उन्होंने बताया कि 190 लोगों का रजिट्रेशन हुआ है, फिर 1900 लोग कहां से आ गए हैं? सब लोगों की वेरिफिकेशन की जाए. उधर, कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी इस मामले पर कहा कि हिमाचल में हर जगह मोहब्बत है और प्रदेश सरकार सबका ख्याल रख रही है.मस्जिद मामले पर सरकार ने संज्ञान लिया है, सरकार किसी भी तरह का अवैध निर्माण सहन नहीं करेगी. मस्जिद का मामला अदालत में विचाराधीन है.
सीएम सुक्खू ने भी दिया बयान
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून की कार्यवाही में हिस्सा लेने पहुंचे सीएम सुक्खू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदेश में सभी नागरिक एक समान हैं और यहां पर सभी धर्मों का सम्मान है. जो भी कानून अपने हाथ में लेगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण हों और कानून न तोड़ने की इजाजत किसी को भी नहीं हैं. उधर, पूर्व सीएम और भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि यह हिंदू मुस्लिम से जुड़ा विवाद नहीं है. यह अवैध निर्माण का मामला है. सरकार की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया और कानून के मुताबिक कार्रवाई होनी चाहिए. जयराम ठाकुर ने कहा कि पूरे मामले पर मंत्री और सीएम के बयान अलग अलग हैं.
