लखनऊ 21 मार्च। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ लोक निर्माण विभाग का होली मिलन समारोह के मुख्य अतिथि लोक निर्माण विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने कहाकि जिम्मेदारी छोटे से लेकर बड़े तक की तय होनी चाहिएं समस्या है तो उसका समाधान है। यह सरकार हर वर्ग की सरकार है। आप समस्या ओर सुझाव दिल खोलकर सरकार के सामने रखियें। आपके विभाग के मंत्री होने के नाते यह विश्वास दिलाता हूॅ कि मेरे स्तर पर कभी भी निराशा हाथ नही लगेगी। हम सबकों मिलकर काम करना होगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के लक्ष्यों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कर प्रदेश के विकास में चार चांद लगाने में हमारी भूमिका सबसे अलग होनी चाहिए। अब तक जिन जिन विभागों में मैने काम किया उससे कई गुना महत्वपूर्ण और अब तक की सबसे चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी मै लोक निर्माण विभाग को मानता हूॅ। बहरहाल आप लोगों का प्रदेश के विकास में बेहतर योगदान के साथ इस तरह के सामाजिक क्रियाकलाप आप लोगों की एकता और दूरदर्शिता का प्रदर्शन करता है।
समारोह के दौरान कैबिनेट मंत्री श्री जितिन प्रसाद का वृ़द्धावन का पटका पहनाकर स्वागत करते हुए उन्हें राममंदिर का स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके उपरान्त उनके द्वारा शताब्दी संग्रहालय का शिलान्यास और एकता सूत्र विशेषांक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम को विशिष्ठ अतिथि प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन इं. अरविन्द्र कुमार जैन ने सम्बोधित करते हुए कहा कि मै कई अवसरों पर आपके संगठन के कार्यक्रम में शामिल हो चुका है। आपके द्वारा किये जाने वाले आयोजन हर संगठन के लिए मार्गदर्शक साबित होते है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष इं. एन.डी. द्धिवेदी ने कहा कि होली मिलन समारोह के बहाने हमारी आपकी एक मुलाकात हो जाती है। किसी के मन में अगर कोई मतभेद होता है तो आपस में गले मिलकर दूर कर लिया जाता है। संघ के पूर्व अध्यक्ष और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि परम्परा का निर्वाहन हमें समाज से जोड़ता है। जबकि देश और प्रदेश की सेवा हमें अपने गौरव का अनुभव कराती है। इस तरह के आयोजन हर संवर्ग को करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन राजर्षि त्रिपाठी ने किया।
अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में लटूरी लट्ठकी शुरूआत करते हुए कहा कि ‘‘ बुलडोजर से अपनी रक्षा जिसको जिसको करनी है।प्रेम पूर्वक योगी जी को कहते रहना फूफा जी। दूसरी रचना पढ़ते हुए उन्हें हंसाया कहा ‘‘मूंछ पे हाथ फिराते घूमें, छप्पर पे नहीं फूंस रहे हैं। कपड़े नए सिला नहीं पाए,वही पुराने ठूंस रहे हैं। अर्थ व्यवस्था की हालत आज यहां तक आ पहुंची है।
जिन गन्नों में जूस नहीं है, उन गन्नों को चूस रहे हैं। हास्य काव्य पाठ को आगे बढ़ाते हुए हास्य कवि सबरस मुरसानी ने अपनी रचना में कहा कि ‘‘सबकी जान से बना बनाऊंआ सोचे क्या खावा। दिन ओ रात बढ़ाते कीमत भांजी के मामा। बच्चे घर में खुश ना रहते सब चीजों की कमियां। डायन जैसे बनी महंगाई जाने कब ये थामियां । बीजेपी सपा कांग्रेसी सभी ने करी ऐसी तैसी।
ओ वोटर तेरी ऐसी तैसी सभी ने करी ऐसी तैसी। कवि रोहित चैधरी ने अपनी रचना में पढ़ा ‘‘ हनुमान को ताकत उनकी याद दिलानी पड़ती है। रावण की लंका में घुसकर आग लगानी पड़ती है। प्रशान्त उपाध्याय, शिकोहाबाद पढ़ा कि इधर से उधर खूब बन्दर हुए हैं। लफन्डर सभी अब सिकन्दर हुए हैं। गरीबों के बनते यहाँ जो मसीहा।वो भैंसों की चोरी में अन्दर हुए हैं।विष्णु उपाध्याय विशु काव्य पाठ को आगे बढ़ते हुए गुदगुदया और कहा कि ‘‘ गाल से लगाए गाल श्याम ने मलौ गुलाल। सुध बुध भूली राधे बाबरी सी है गई। श्याम रंग चढ़ौ जब गोरी गोरी राधिके पे।
गोरी गोरी राधिके भी सांवरी सी है गई। समारोह में संघ के महामंत्री प्रकाशचंद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रवण कुमार, चेयरमैन संघर्ष समिति सतेन्द्र त्रिपाठी, अतिरिक्त महामंत्री एच.एन. मिश्रा, शिवशंकर दुबे के अलावा सहयोगी संगठनों के अध्यक्ष महामंत्री, इं. एस.डी. द्विवेदी, ई. श्रीप्रकाश गुप्तार्, इं. दिवाकर गौतम, लोक निर्माण विभाग के अध्यक्ष मंत्री भारत सिंह यादव, रामराज दुबे, शिवकुमार यादव, सुभाषचंद मिश्रा, वीरेन्द्र यादव, ओमप्रकाश पटेल, सुनील कुमार यादव आदि उपस्थित रहे।
(मनोज कुमार श्रीवास्तव)
मीडिया प्रभारी