अनुसूचित जनजाति के कल्याण का अखिलेश ने रचा था ढोंग, खुल गई कलई- संजीव गोंड

उत्तर प्रदेश कानपूर गोरखपुर राज्य लखनऊ वाराणसी शहर

लखनऊ । विधानपरिषद उपचुनाव में सपा उम्मीदवार कीर्ति कोल का नामांकन रद होने पर राज्यमंत्री संजीव गोंड ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर सवाल खड़े किए हैं। संजीव गोंड ने कहा कि सपा ने अनुसूचित जनजाति को प्रतिनिधित्व देने का जो ढोंग रचा था, उसकी कलई खुल गई है। भाजपा गठबंधन की तुलना में नाम मात्र के वोट होने के बाद भी अपना प्रत्याशी खड़ा कर सपा ने अनुसूचित वर्ग के साथ भद्दा मजाक किया है। यह जानते हुए कि किसी भी सूरत में कीर्ति कोल की जीत संभव नहीं है, उन्हें प्रत्याशी बनाकर पूरे अनुसूचित जनजाति समाज का मखौल बनाया है।

प्रदेश सरकार में समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री संजीव गोंड ने कहा कि सपा ने विधान परिषद चुनाव को गंभीरता से नहीं लिया। सपा अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति का वोट लेना जानते हैं, लेकिन उनका सम्मान करना नहीं जानते हैं।

कहा कि जिन लोगों ने राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी अस्मिता और वंचित तबके को प्रतिनिधित्व देने में सहयोग नहीं किया, उनसे अनुसूचित जनजाति वर्ग के हित में कोई भी उम्मीद रखना बेमानी है। सपा मुखिया अखिलेश के खाने के दांत अलग हैं, जबकि दिखाने वाले दांत और। सवालिया अंदाज में गोंड ने कहा कि समाजवादी पार्टी को कैसे नहीं मालूम था कि इस चुनाव में उम्र की सीमा 30 साल से अधिक होनी चाहिए। वास्तव में सपा की नीयत अनुसूचित जनजाति समाज का उपहास करना था।

राज्यमंत्री संजीव ने कहा कि अनुसूचित जनजाति समाज के सामने आज दो मॉडल हैं। एक अखिलेश यादव का उपहास बनाने का मॉडल है, जबकि दूसरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च सांविधानिक पद तक पहुंचाने का मॉडल है। पूरा देश दोनों के भेद को भलीभांति समझ रहा है।

संजीव गोंड ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियां सर्वसमाज के लिए कल्याणकारी हैं। मोदी-योगी की डबल इंजन की सरकार अंत्योदय के लिये संकल्पित हैं, वंचित तबके का सम्मान इसी में सुरक्षित है। सपा सुप्रीमो को इससे सीख लेनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *