राहुल गांधी के चीन और पाकिस्तान वाले बयान पर अमेरिका ने किया किनारा, समर्थन से इनकार

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नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश नीति के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इनकार कर दिया है. दरअसल, नेड प्राइस से ये पूछा गया कि राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी की अप्रभावी नीतियों के कारण चीन और पाक पहले से ज्यादा करीब आ गए हैं, इसपर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मैं निश्चित रूप से इस तरह की टिप्पणियों का समर्थन नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि यह पाक और चीन का मामला है और इसे उन दोनों देशों पर ही छोड़ देना चाहिए.

बुधवार को लोकसभा में राहुल ने दिया था बयान

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में बहस के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार की गलत नीतियों की वजह से पाकिस्तान और चीन एकजुट हो गए हैं. उन्होंने कहा कि हम जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं वह कम नहीं है. यह भारत के लिए एक गंभीर खतरा है. उन्होंने मोदी सरकार से कहा, आपने हमें कहां पहुंचा दिया है.

इसके साथ ही राहुल गांधी ने दावा करा कि भारत के पास इस साल गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर अतिथि नहीं थे, क्योंकि देश पूरी तरह से घिरा हुआ है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी खुद से पूछें कि गणतंत्र दिवस पर आपको मेहमान क्यों नहीं मिल पाए. हम श्रीलंका, नेपाल, बर्मा, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन से घिरे हुए हैं. हर जगह से हम घिरे हैं. हमारे विरोधी इस स्थिति को भलीभांति जानते हैं.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दावे को किया खारिज

लोकसभा में राहुल गांधी के दावे को विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने पूरी तरह से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा,’राहुल गांधी ने लोक सभा में आरोप लगाया कि इस सरकार की वजह से पाकिस्तान और चीन एकजुट हो गए हैं. कुछ ऐतिहासिक सबक इस प्रकार हैं 1963 में, पाकिस्तान ने अवैध रूप से शक्सगाम घाटी को चीन को सौंप दिया. चीन ने 1970 के दशक में पीओके के रास्ते से काराकोरम राजमार्ग का निर्माण किया. वहीं राहुल के गणतंत्र दिवस समारोह में मेहमान नहीं मिलने वाली बात पर वे बोले कि क्या राहुल गांधी को पता नहीं है कि अभी कोरोना काल जारी है.

 

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