5 लाख अवैध अप्रवासियों को पाकिस्तान से वापस भेजा गया

विदेश

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने संसद के ऊपरी सदन (सीनेट) को सूचित किया है कि सरकार के निर्वासन अभियान के तहत 5 लाख से ज्यादा अवैध अप्रवासियों को पहले ही देश से वापस भेजा जा चुका है।

मंत्रालय ने स्वदेश वापसी और निर्वासन अभियान की वर्तमान स्थिति के संबंध में सीनेटर मोहसिन अजीज के सवालों के डेटा प्रतिक्रिया का खुलासा किया।

मंत्रालय ने कहा, ”देश में लगभग 17 लाख अवैध अप्रवासी अवैध रूप से रह रहे हैं, जिनमें से अधिकांश अफगानी हैं। वे देश में रहने के लिए जरूरी किसी भी कानूनी दस्तावेज के बिना रह रहे हैं। अवैध निवासियों के लिए निर्वासन योजना को कैबिनेट की मंजूरी के बाद लगभग 5,41,210 लोगों को वापस भेजा गया।”

शेष 1.15 मिलियन अभी भी देश में मौजूद हैं। शेष लोगों को भी सरकार के राष्ट्रव्यापी निर्वासन अभियान के हिस्से के रूप में वापस स्वदेश भेजा जाएगा।

शेष लोगों की पहचान करने और उन्हें निर्वासित करने के प्रयास जारी हैं। सूत्रों ने पुष्टि की कि 5 लाख अवैध अप्रवासियों में से 95 प्रतिशत से अधिक अफगान नागरिक थे, जिन्हें उनके गृह देश वापस भेज दिया गया था।

पाकिस्तान ने दशकों से देश में रह रहे करीब 1.7 मिलियन अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करने का लक्ष्य बना रहा है। अधिकांश अवैध अप्रवासी अफगान नागरिक हैं, जो सुरक्षा चिंताओं के कारण अपने देश से भाग गए।

अक्टूबर 2023 में सरकार ने सभी अवैध अप्रवासियों को 31 अक्टूबर तक देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया था। समय सीमा समाप्त होने के बाद कार्रवाई, गिरफ्तारी, कारावास और निर्वासन की चेतावनी दी।

समय सीमा समाप्त होने के बाद पाकिस्तान सरकार ने औपचारिक रूप से कार्रवाई शुरू की और देश भर से अवैध विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिया।

गिरफ़्तार किए गए ज्यादातर विदेशी नागरिक अफ़ग़ानी हैं। जिन्होंने देश छोड़ने के लिए दिए गए सीमित समय पर गंभीर आपत्ति व्यक्त की है और मांग की है कि उन्हें पाकिस्तान में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि उनमें से अधिकांश के पास वापस जाने के लिए कुछ भी नहीं है।

लेकिन, पाकिस्तान सरकार ने ग्लोबल मानवाधिकार संगठनों या अफगान सरकार द्वारा उठाई गई चिंताओं को कोई प्रासंगिकता देने से इनकार कर दिया।

साथ ही कहा कि वह अपने फैसले की समीक्षा नहीं करेगी, अवैध अप्रवासियों और गैर-दस्तावेजियों की आमद का इस्तेमाल आतंकवादी समूहों तथा उनके आतंकवादियों द्वारा देश में प्रवेश करने और हमलों को अंजाम देने के लिए एक संस्था के रूप में किया गया है।

पाकिस्तान ने कहा है कि वह अवैध अप्रवासियों को शरण देने के लिए अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकता और न ही ऐसा करने की स्थिति में है।

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