हाउसफुल 4 रिव्यू: बेबुनियाद टांगों की फिल्म हंसने से ज्यादा रुला देती है

टॉप न्यूज़ मनोरंजन

नई दिल्ली। अक्षय कुमार को आगे रखकर बनाई गई यह बेबुनियाद फिल्म हंसी से ज्यादा रुला देती है। बल्कि कई बार फिर से एक जैसे दिखने की भी संभावना रहती है।

कहानी यह है कि तीन भाई हैरी (अक्षय), मैक्स (बॉबी देओल/बॉबी देओल) और रॉय (रितेश देशमुख/रितेश देशमुख) लंदन में रहते हैं। वे सभी तीन अमीर लड़कियों कृति (कृति सनोन), पूजा (पूजा हेगड़े) और नेहा (कृति खरबंदा) से शादी करना चाहते हैं। इस सिलसिले में सभी को भारत में सीतामगढ़ नामक स्थान पर आना पड़ता है। यहां आकर उन्हें अपने पिछले जन्मों की बातें याद आने लगती हैं।

यह सब सेंट्रल प्लॉट के नाम पर है। इसके बाद जो कुछ भी है वह सब अक्षय का ही है जिन्होंने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन उन्हें साथी कलाकारों का कोई सहयोग नहीं मिलता है। उसके ऊपर, फिल्म हर मिनट बेकार से हास्यास्पद हो जाती है।

हाउसफुल 4 की कहानी निराधार है।

अधिकांश नृत्य-गीत दृश्यों में फिल्म की तीनों नायिकाओं को प्रमुखता से दिखाया गया है। इनके अलावा नवाजुद्दीन और राणा दग्गुबाती जैसे कई कलाकार बीच में आ जाते हैं लेकिन लाइमलाइट अक्षय पर टिकी रहती है। कई बार डायरेक्टर फरहाद सामजी का ये फैसला सही भी लगता है, क्योंकि अगर कोई इस फिल्म को बिल्कुल भी बेहूदा होने से बचाता नजर आता है तो वो हैं अक्षय।

 

हालांकि निर्माताओं ने कभी भी गंभीर फिल्म बनाने का दावा नहीं किया, लेकिन उन्होंने हमें इतनी सरल कॉमेडी के लिए भी तैयार नहीं किया। किसी फिल्म में ऐसे बहुत कम मौके होते हैं जब आप लगातार 15 मिनट तक उसमें दिलचस्पी ले सकते हैं। दरअसल, यह ‘तीस मार खां, जानेमन और जोकर (अंग्रेजी में नहीं)’ जैसी फिल्मों की सीरीज की अगली फिल्म है।

 

हाउसफुल 4 को मेरी तरफ से 1.5 स्टार मिले हैं। आशा है आप अपनी दिवाली खराब नहीं होने देंगे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *