उन्होंने अभिव्यक्ति और रचनात्मकता की स्वतंत्रता के लिए इन नियमों को ‘बहुत खतरनाक’ करार दिया। गौरतलब है कि सरकार ने गुरुवार को कहा था कि समाचार प्रकाशकों, ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों और डिजिटल मीडिया के लिए एक “आचार संहिता” और एक त्रिस्तरीय शिकायत प्रणाली लागू की जाएगी।
क्या दिशा निर्देश हैं
– सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अधिकारियों की तैनाती करनी होगी।
– किसी भी आपत्तिजनक सामग्री को 24 घंटे में हटाना होगा।
– प्लेटफार्मों को भारत में अपने नोडल अधिकारी, रेजिडेंट ग्रीव्स ऑफिसर को तैनात करना होगा।
इसके अलावा, हर महीने कितनी शिकायतों पर कार्रवाई की गई, इस पर कार्रवाई करनी होगी।
– अफवाह फैलाने वाला पहला व्यक्ति कौन है, इसके बारे में जानकारी देना आवश्यक है, क्योंकि इसके बाद ही यह सोशल मीडिया पर फैलता रहता है। भारत की संप्रभुता, सुरक्षा, विदेशी संबंधों, बलात्कार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को इसमें शामिल किया जाएगा।
– ये दिशा-निर्देश सभी पर लागू होंगे, चाहे वह राजनीतिक दल हो या किसी विशेष पार्टी से जुड़ा कोई व्यक्ति।
– ओटीटी प्लेटफॉर्म / डिजिटल मीडिया को अपने काम के बारे में जानकारी देनी होगी कि वे अपनी सामग्री कैसे तैयार करते हैं। इसके बाद सभी को सेल्फ रेगुलेशन लागू करना होगा। इसके लिए एक निकाय का गठन किया जाएगा जिसकी अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश या कोई अन्य व्यक्ति करेगा।
– इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह, डिजिटल प्लेटफार्मों को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी।