लालू परिवार के खिलाफ ‘लैंड फॉर जॉब’ केस में 4 दिसंबर को होगी सुनवाई

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नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनावों के बीच लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों को बड़ी राहत मिली है। जमीन के बदले नौकरी (लैंड फॉर जॉब) से जुड़े सीबीआई मामले में लालू परिवार के खिलाफ बिहार चुनाव के नतीजों के बाद फैसला दिया जाएगा। इस मामले में लालू प्रसाद यादव और पत्नी राबड़ी देवी के अलावा बेटे तेजस्वी यादव व तेज प्रताप यादव, बेटी मीसा भारती व हेमा यादव और अन्य के खिलाफ आरोप तय करने पर सोमवार को फैसला आना था। हालांकि, सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 4 दिसंबर की तारीख तय की।
इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों समेत 100 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया है।
सीबीआई ने चार्जशीट में खुलासा किया कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। जमीन की खरीद के लिए ज्यादातर पैसों का लेनदेन कैश में हुआ। सीबीआई ने मामले में आईपीसी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की कई धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी।
‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला भ्रष्टाचार का मामला है, जिसमें आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए कुछ लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले उनसे सस्ती दर पर जमीन ली। 18 मई 2022 को दर्ज सीबीआई केस के अनुसार, 2004-2009 के बीच तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने रेलवे में सब्स्टीट्यूट की नियुक्ति के बदले अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद ट्रांसफर कराकर आर्थिक लाभ लिया।
कई लोगों ने स्वयं या अपने परिवार के सदस्यों के जरिए कथित तौर पर लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों और उनके करीबी लोगों की ओर से नियंत्रित कंपनी के पक्ष में अपनी जमीन बेची या उपहार में दे दी।
सीबीआई ने कहा था, “जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट की ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गई थी, फिर भी कुछ लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर स्थित अलग-अलग जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट के रूप में नियुक्त किया गया।”

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