मेरठ में है अनोखा शिवलिंग, लखनऊ और दिल्ली से जांचने पहुंची एएसआई की टीम

मेरठ में है अनोखा शिवलिंग, लखनऊ और दिल्ली से जांचने पहुंची एएसआई की टीम

उत्तर प्रदेश राज्य
मेरठ के इस मंदिर में स्क्रिप्ट शिवलिंग (इनसेट में) स्थापित है।

मेरठ के इस मंदिर में स्क्रिप्ट शिवलिंग (इनसेट में) स्थापित है।

इस शिवलिंग पर अज्ञात लिपि के साथ कुछ लिखा गया है। टीम ने इस स्क्रिप्ट का अध्ययन शुरू कर दिया है। एएसआई टीम का अनुमान है कि यह शिवलिंग 1500 वर्ष से अधिक पुराना हो सकता है।

मेरठ मेरठ के जनुखुर्द इलाके में एक शिव मंदिर आजकल बहुत चर्चा में है। इस शिव-मंदिर में एक शिवलिंग की पूजा की जा रही है, जिस पर कुछ लिखा हुआ है। इस शिवलिंग की तस्वीर पिछले कई दिनों से वायरल हो रही थी। वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए दिल्ली और लखनऊ से पुरातत्व टीम यहां पहुंची और वह भी इस शिवलिंग को देखकर हैरान रह गई। अब इस टीम ने इस शिवलिंग पर लिखी स्क्रिप्ट का अध्ययन करना शुरू कर दिया है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि यह शिवलिंग किस काल का है।

मेरठ में लिपिबद्ध शिवलिंग आजकल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। वायरल तस्वीर के साथ इस शिवलिंग पर इस तरह की स्क्रिप्ट में कुछ लिखा हुआ है, जो अब तक समझ में नहीं आया है। वायरल फोटो एएसआई अधिकारियों तक भी पहुंची। इसलिए, दिल्ली और लखनऊ से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम इसका सच जानने के लिए मेरठ पहुंची। जब एएसआई की टीम मेरठ के जनीखुर्द इलाके के रसूलपुर धौलादी गांव में पहुंची तो वह भी हैरान रह गई। टीम यहां केमिकल से शिवलिंग की सफाई करने के बाद पहुंची, कागज पर उस पर अंकित शिलालेख की छाया अंकित की। टीम ने मेरठ में एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ। दिबिशद बी। गणनायक ने कुछ भी नहीं कहा, लेकिन शोध के बाद ही कहा जा सकता है कि यह किस अवधि का है। लेकिन इतना तय है कि यह बहुत प्राचीन है। और इसकी जांच करने के लिए, मेरठ सर्कल की एएसआई टीम भी यहां जाएगी और अध्ययन करेगी।

अधीक्षण पुरातत्वविद ने बताया कि इस शिवलिंग पर एक पुरानी लिपि अंकित है और एपिग्राफी टीम इसका अध्ययन करेगी। इसके बाद ही यह स्पष्ट होगा कि शिवलिंग पर अंकित लिपि किस काल की है। उन्होंने बताया कि एपिग्राफी शिलालेखों का एक संग्रह है। लिखित ऐतिहासिक स्रोतों की कई श्रेणियां हैं। उनका अध्ययन करने के लिए विशेष दल हैं। इसका अध्ययन करने के बाद ही आप यह बता पाएंगे कि शिवलिंग पर उत्कीर्ण लिपि किस युग की है। उन्होंने कहा कि पहली नज़र में यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह 1500 साल से अधिक पुराना हो सकता है।

अधीक्षण पुरातत्वविद का कहना है कि आमतौर पर कई ऐतिहासिक शिवलिंग हैं, जो ओम नम: शिवाय तक लिखे गए हैं। लेकिन यह पहली बार है जब किसी शिवलिंग पर छोटे अक्षरों में कुछ लिखा गया है। अब सभी की जिज्ञासा है कि इस शिवलिंग पर क्या लिखा है और इस शिवलिंग का रहस्य क्या है। गौरतलब है कि इससे पहले बागपत के सिनौली में 28.75 हेक्टेयर भूमि को संरक्षित स्मारक और अवशेष स्थल घोषित किया जा चुका है। इस साइट से तीन-चरण की खुदाई में शाही ताबूत, रथ, महिला के कंकाल, धनुष और तांबे की तलवार सहित कई चीजें सामने आई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *