
महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानपुर पुलिस की अच्छी पहल। (फाइल)
कानपुर पुलिस (कानपुर पुलिस) ने महिलाओं के खिलाफ अपराध की जाँच के लिए एक अच्छी पहल शुरू की है। पुलिस अपराधियों और अन्य अपराधियों पर नजर रखने के लिए महिला मुखबिरों की एक टीम तैयार करेगी।
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर रेंज में महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने के लिए एक नई पहल की जा रही है, अब महिला उत्पीड़न के अपराधों को रोकने के लिए महिलाओं का सहारा लिया जाएगा। ऐसी महिलाएं हर वार्ड और गांव में तैयार की जाएंगी जो अपराधियों और अन्य अपराधियों पर नजर रख सकें। अगर ये महिलाएं पुलिस के मुखबिरों की तरह काम करती हैं, तो वे पीड़ित महिला को न्याय दिलाने में भी मदद करेंगी।
सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ महिलाओं से जुड़े अपराधों को लेकर गंभीर हैं। इन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड, पिंक गैरीसन और मिशन शक्ति जैसी योजनाओं को लागू किया गया। इसका असर भी देखा गया और महिलाओं से जुड़े अपराधों में कमी आई।
आइए एक नजर डालते हैं कानपुर क्षेत्र में महिलाओं से जुड़े अपराधों पर
वर्ष हत्या बलात्कार छेड़छाड़ अपहरण चेन स्नेचिंग दहेज2018 80 225 105 1354 47 219
2019 82 121 505 810 63 63 196
2020 64 118 226 611 19 195
निश्चित रूप से, आंकड़े गवाही देते हैं कि पिछले वर्षों में पिछले अपराधों में कमी आई है। सरकार की मंशा को देखते हुए कानपुर जोन के आईजी मोहित अग्रवाल ने महिलाओं से जुड़े अपराधों की जांच के लिए महिला मुखबिरों की एक टीम बनाने की कवायद शुरू कर दी है। प्रत्येक वार्ड और गांव की चार महिलाओं को पुलिस से जोड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है। IG रेंज का कहना है कि मुख्य रूप से पुरुष पुलिस थानों और गांवों की बैठकों में शामिल होते हैं। महिलाओं की आवाज पुलिस तक नहीं पहुंचती है। पीड़ित महिला अपनी समस्या महिला को आसानी से बता सकेगी।
पुलिस की अच्छी पहल
IG रेंज का कहना है कि इस अभियान में, स्कूल और कॉलेज के छात्रों के शिक्षकों को भी जोड़ा जाएगा, जो स्कूल और कॉलेज के रास्ते में खड़ी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे। आईजी रेंज मोहित अग्रवाल ने कहा कि यह अभियान महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देगा। साथ ही, महिलाओं के साथ अपराध करने वालों के बारे में पुलिस को जानकारी मिलेगी। जिलों के कप्तानों के थानेदारों को इस अभियान में शामिल किया जाएगा। पुलिस की यह महिला सूत्र भी पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में भाग लेगी।
महिला मुखबिरों की इस योजना से महिलाएं काफी उत्साहित दिख रही हैं। उनका मानना है कि एक महिला दूसरी महिला से खुलकर बात कर सकेगी। वहीं, महिला के पुलिस के सूत्र पीड़ित महिला को अच्छी तरह से समझते हैं पुलीरों अधिकारियों को बता सकेंगे। साथ ही पुलिस स्रोतों में महिलाओं की भागीदारी से महिला सशक्तीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ। अनुपमा जायसवाल ने कहा कि कानपुर जोन में जिस तरह से महिला मुखबिरों की योजना शुरू की गई है, उससे लाभ होगा, पीड़ित महिलाओं को अपनी बातें एक महिला को अच्छी तरह से बताई जा सकेंगी। जबकि छात्रा ऋचा सक्सेना का कहना है कि सीधे पुलिस में महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। यह योजना महिलाओं से संबंधित अपराधों को कम करेगी, जबकि महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।