
लखनऊ में पुलस्त्य मुठभेड़ मामले में 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। (सांकेतिक चित्र)
लखनऊ समाचार: पिछले साल 9 अगस्त को, यूपी की राजधानी लखनऊ में एक पुलस्त तिवारी मुठभेड़ हुई थी। पुलस्त्य की मां इस मामले में लगातार न्याय की गुहार लगा रही है। अब सीजेएम कोर्ट के आदेश पर 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में पुलस्त तिवारी एनकाउंटर के मामले में 5 पुलिसकर्मियों पर केस (FIR) दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। सीजेएम कोर्ट के आदेश पर थाना आशियाना में एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें इंस्पेक्टर संजय राय, दरोगा महेश दुबे, कांस्टेबल मोहित सोनी, राकेश सिंह और बलवंत कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर हत्या की कोशिश, साजिश रचने और सबूत मिटाने की धाराओं में एफआईआर लिखी गई है।
बता दें कि यह मुठभेड़ 9 अगस्त 2020 को हुई थी। मुठभेड़ में एक इनामी बदमाश पुलस्त तिवारी को पैर में गोली लगी थी। पुलत्स्य की मां ने मामले में अदालत में मुठभेड़ को चुनौती दी। गाजीपुर निवासी मंजुला तिवारी ने आरोप लगाया है कि 9 अगस्त की शाम को उनके बेटे पुलस्त तिवारी को आशियाना थाने में दरोगा महेश दुबे के घर से ले जाया गया था। उनके साथ कॉन्स्टेबल मोहित सोनी भी थे। इसके बाद, 9 अगस्त की रात 11 बजे मुठभेड़ के बाद आशियाना पुलिस स्टेशन के तत्कालीन इंस्पेक्टर संजय राय, दरोगा महेश दुबे, सैनिक मोहित सोनी, राकेश सिंह और बलवंत कुमार ने पुलस्त तिवारी को गिरफ्तार करने का दावा किया।
मां लगातार न्याय की गुहार लगा रही है
पुलस्त तिवारी के पैर में गोली लगी थी, उस पर आरोप था कि वह चेकिंग के लिए रुकने पर पुलिस टीम पर फायर करके भाग रहा था। जवाबी कार्रवाई में उसे पुलिस ने गोली मार दी थी। जब से उसका बेटा मंजुला तिवारी न्याय की गुहार लगा रहा था। उन्होंने मानवाधिकार आयोग से भी शिकायत की।
इस बीच, जेल पुलस्त तिवारी का पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें उन्होंने उस पर 2 लाख रुपये नहीं देने का एनकाउंटर करने का आरोप लगाया। सीजेएम सुशील कुमारी ने मामले में मंजुला तिवारी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए आसियाना इंस्पेक्टर को मामला दर्ज करने और रिपोर्ट देने के लिए सात दिन का समय दिया है।