पहली बार भारत में हुआ ये प्रयोग,अब UV किरणों से सैनिटाइज हो सकेगी लखनऊ मेट्रो

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कोरोना वायरस का अभी तक खात्मा नहीं हुआ है। खतरा हर जगह है। याद रहे कि इसका बचाव सिर्फ मास्क व दो गज की दूरी है क्योंकि अभी वैक्सीनेशन सिर्फ हेल्थ वर्कर्स व फ्रंट लाइन वर्कर्स का हो रहा है। ऐसे में लखनऊ मेट्रो ने अल्ट्रा वॉयलेट (UV) यानी पैरा बैंगनी किरणों से मेट्रो ट्रेन को सैनिटाइज करने की प्रक्रिया शुरू की है। अमेरिका के न्यूयॉर्क मेट्रो के बाद उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ऐसा करने वाली भारत की पहली मेट्रो सेवा बन गई है।

UPMRC​​​​​​​ ने खुद विकसित की तकनीक
UPMRC के एमडी केशव कुमार ने शुक्रवार को बताया कि लखनऊ मेट्रो ने सैनिटाइजेशन उपकरण बनाने वाली एक निजी कंपनी के साथ मिलकर UV लैंप विकसित किया है। यह पराबैंगनी कीटाणुनाशक विकिरण प्रणाली पर काम करता है। यह उपकरण 254 नैनो-मीटर तक शॉर्ट वेवलेंथ वाली अल्ट्रावॉयलेट-सी (C) किरणों के जरिए सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट कर देता है। यह किरणें इन सूक्ष्म जीवों के डीएनए औऱ न्यूक्लिक एसिड को नष्ट कर इनका नाश कर देती हैं।

30 मिनट में सभी कोच सैनिटाइज
एमडी ने कहा कि अक्टूबर 2020 में इस उपकरण को DRDO से मंजूरी मिली थी। UV लैंप से सैनिटाइजेशन, सोडियम हाइपोक्लोराइट की तुलना में बेहद सस्ता भी है। इस उपकरण के जरिए 30 मिनट में ही एक मेट्रो ट्रेन के सभी कोच सैनिटाइज किए जा सकते हैं। इस उपकरण को ऑन करने के एक मिनट बाद मशीन से रेडिएशन निकलना शुरू हो जाता है, जो सूक्ष्म कीटाणुओं का खात्मा करने में सहायक है। ऑपरेशन थिएटर को सैनिटाइज करने के लिए इसी किस्म के उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है।

UV रेडिएशन से टोकन सैनिटाइज होता था
प्रबंधक निदेशक कुमार केशव ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है। जब हमने यूवी रेडिएशन के जरिए टोकन सैनिटाइज करने की शुरुआत की थी, तब भी हमें यात्रियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली थी। अब हमने फुल ट्रेन को UV रेज के जरिए सैनिटाइज करने की प्रक्रिया शुरू की है।

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