अब सफर के दौरान रेलवे से की गई आनलाइन शिकायतों के समाधान के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। पूर्वोत्तर रेलवे घंटों नहीं मिनटों में यात्रियों की शिकायतों का निपटारा कर रहा है। रेल मदद एप या पोर्टल पर मिलने वाली शिकायतें महज दस मिनट में निपटने लगी हैं। केंद्रीयकृत लोक शिकायत समाधान एवं निगरानी प्रणाली (सीपीग्राम) पर सरकार को मिलने वाली शिकायतें सिर्फ एक दिन में निस्तारित हो रही हैं।
वित्तीय वर्ष के अंतिम तीन माह में (जनवरी से मार्च तक) पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने लगभग 100 फीसद शिकायतों का निपटारा कर भारतीय रेलवे स्तर पर रिकार्ड स्थापित किया है। रेल मदद एप व पोर्टल पर प्रत्येक दिन औसत 40 से 50 शिकायतें मिलती हैं। पिछले वर्ष जहां प्रति मामलों को निस्तारित करने में औसत डेढ़ घंटे लगते थे, वहीं अब दस मिनट में निस्तारण हो जा रहा है।
सीपीग्राम के माध्यम से प्रत्येक माह औसत 150 मामले रेलवे के पास पहुंचते हैं। वर्ष 2019-2020 में प्रति मामलों के निस्तारण में औसत 21 दिन और 2020-2021 में 12 दिन लग जाते थे। लेकिन पिछले तीन माह में औसत एक दिन में ही मामले निस्तारित कर दिए गए हैं। रेलवे बोर्ड ने व्यवस्था में तेजी के साथ सुधार के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की पीठ थपथपाई है।
आनलाइन शिकायतों का त्वरित समाधान कर रेलवे अपनी छवि को सुधारने में जुटा है। शिकायतों का सिर्फ निस्तारण ही नहीं, बल्कि यात्रियों को उससे अवगत कराकर फीडबैक भी लिया जा रहा है। दरअसल, यात्रा के दौरान अक्सर एसी कोच की कूलिंग कम हो जाती है। पंखे बंद हो जाते हैं। कोच और टायलेट में गंदगी पसरी रहती है। खानपान की व्यवस्था दुरुस्त नहीं रहती। महिलाएं असुरक्षित महसूस करने लगती हैं। इन समस्याओं के निवारण के लिए सिर्फ खानापूरी होती थी। शिकायत के बाद इंतजार करना पड़ता था। कोई नोटिस लेता था।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह कहना है कि ग्राहक की सेवा मुस्कान के साथ टैग लाइन को पूर्वोत्तर रेलवे सार्थक कर रहा है। सीपीग्राम और रेल मदद पर प्राप्त केस को त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण समाधान कर भारतीय रेलवे स्तर पर कीर्तिमान बनाया गया है। केसों के निस्तारण के बाद यात्रियों से बेहतर फीडबैक मिल रहे हैं।