काव्य कला संगम सस्था तत्याभान आचार्य रामदेव लाल विभोर की 87 वीं जन्म जयंती यू पी प्रेस क्लव में बहुत थूमधाम से मनाई गई ।

उत्तर प्रदेश राज्य लखनऊ शहर

आज दिनांक 8 जुलाई 2024 को काव्य कला संगम सस्था तत्याभान आचार्य रामदेव लाल विभोर की 87 वीं जन्म जयंती यू पी प्रेस क्लव में बहुत थूमधाम से मनाई गई । समारोह के अध्यक्ष डॉ हरि शंकर मिश्र ने विभोर जी के छन्द विधान ग्रंथ की प्रशंसा करते हुए उन्हें उन्च कोटि का काव्याचार्य बताया। मुख्य अतिथि श्री मधुकर अप्ठाना ने विभीर जी कीकाव्य कृतियों और लक्षण ग्रंथों की प्रशंसा करते हुए उनके साहित्यिक अवदान की सराहना की गया।विशिष्ट अतिथि श्री नरेन्द्र भूषण ने कहा कि विभोर जी के रचना संसार का फलक बहुत व्यापक है। उन्हें हिंदी के छंदों पर जितना अधिकार था उतना ही अधिकार उर्दू के उरूज पर भा था।संस्था के उपाध्यक्ष श्री भोलानाथ ‘ अधीर’ ने समारोह में पधारे साहित्य प्रेमियों का स्वागत करते हुए कहा कि विभोर जी में कवि और आचार्थ का दुलभ मणि कांचन संयोग था। इस अवसर पर लखनऊ नगर के वरिष्ठ कवियों स्व श्री श्याम श्रीवास्तव, अशोक कुमार पाण्डेय ‘अशोक’ डॉ. उमाशंकर शुक्ल ‘शितिकंठ’, कृपाशंकर श्रीवास्तव ‘विश्वस’ औरश्रीमती मधु दीक्षित को आचार्य रामदेव लाल विभोर स्मृति सम्मान 2024 से सम्मानित किया अंत में संस्था के महामंत्री श्री राजेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा उपस्थित लोगों के प्रति धन्यवाद जञापन के साथ ही समारोह के समापन की घोषणा की गर्ई।प्रख्यात नवगीतकारप्रख्यात छंदकारसम्मानित साहित्यकारश्री श्याम श्रीवास्तवश्री अशोक कुमार पाण्डेय ‘अशोक’

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