दन पांचाल,गाजियाबाद: भूकंप, बाढ़, तूफान आदि किसी भी आपदा में यूं तो एनडीआरएफ जवान जान बचाने के लिए तत्पर रहते है, लेकिन पहली बार महिला विग आपदा के समय महिलाओं का प्रसव भी करवाएंगी। इसके लिए एनडीआरएफ की 32 महिला सिपाही इन दिनों जिला महिला अस्पताल में चाइल्ड बर्थ इमरजेंसी कोर्स कर रहीं हैं। महिला विग रोज दो से पांच प्रसव के वक्त लेबर रूम में चिकित्सकीय गुर सीख रहीं हैं। जंगलों में प्रसव किए जाने की ट्रेनिग भी महिला चिकित्सकों द्वारा दी जा रही है। प्रसव एवं प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को सुरक्षित रखने के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं। कैंची से नाल काटकर धागा बांधना सुरक्षित
दन पांचाल,गाजियाबाद: भूकंप, बाढ़, तूफान आदि किसी भी आपदा में यूं तो एनडीआरएफ जवान जान बचाने के लिए तत्पर रहते है, लेकिन पहली बार महिला विग आपदा के समय महिलाओं का प्रसव भी करवाएंगी। इसके लिए एनडीआरएफ की 32 महिला सिपाही इन दिनों जिला महिला अस्पताल में चाइल्ड बर्थ इमरजेंसी कोर्स कर रहीं हैं। महिला विग रोज दो से पांच प्रसव के वक्त लेबर रूम में चिकित्सकीय गुर सीख रहीं हैं। जंगलों में प्रसव किए जाने की ट्रेनिग भी महिला चिकित्सकों द्वारा दी जा रही है। प्रसव एवं प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को सुरक्षित रखने के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं। कैंची से नाल काटकर धागा बांधना सुरक्षित
प्रसव के समय सबसे मुश्किल काम बच्चा पैदा होने के तुरंत बाद नाल काटना होता है। आपदा के समय कैची अथवा ब्लेड से नाल काटकर मां और बच्चे को धागा बांधे जाने से ब्लड को रोका जा सकता है। इससे कोई संक्रमण नहीं होता है। एनडीआरएफ टीम के पास फर्स्ट एड बाक्स होता है। इस बाक्स में कैची, ब्लेड,काटन और जरूरी दवाएं होती हैं। महिला विग की निरीक्षक पूजा वर्मा ने बताया कि पिछले तीन दिन से बच्चे की नाल काटने, उसे दूध पिलाने व उसकी सुरक्षा को लेकर खास ट्रेनिग दी जा रही है। महिला को साफ कपड़े देने के बाद उसका खयाल रखना होगा। बच्चे को मां का दूध जरूर पिलाना होगा। सीएमएस डॉ.संगीता गोयल ने बताया कि सीमित साधनों में प्रसव कराना चुनौतीभरा काम है,लेकिन प्रशिक्षण के बाद यह काम मुश्किल भी नहीं है। वर्जन..
दन पांचाल,गाजियाबाद: भूकंप, बाढ़, तूफान आदि किसी भी आपदा में यूं तो एनडीआरएफ जवान जान बचाने के लिए तत्पर रहते है, लेकिन पहली बार महिला विग आपदा के समय महिलाओं का प्रसव भी करवाएंगी। इसके लिए एनडीआरएफ की 32 महिला सिपाही इन दिनों जिला महिला अस्पताल में चाइल्ड बर्थ इमरजेंसी कोर्स कर रहीं हैं। महिला विग रोज दो से पांच प्रसव के वक्त लेबर रूम में चिकित्सकीय गुर सीख रहीं हैं। जंगलों में प्रसव किए जाने की ट्रेनिग भी महिला चिकित्सकों द्वारा दी जा रही है। प्रसव एवं प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को सुरक्षित रखने के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं। कैंची से नाल काटकर धागा बांधना सुरक्षित
प्रसव के समय सबसे मुश्किल काम बच्चा पैदा होने के तुरंत बाद नाल काटना होता है। आपदा के समय कैची अथवा ब्लेड से नाल काटकर मां और बच्चे को धागा बांधे जाने से ब्लड को रोका जा सकता है। इससे कोई संक्रमण नहीं होता है। एनडीआरएफ टीम के पास फर्स्ट एड बाक्स होता है। इस बाक्स में कैची, ब्लेड,काटन और जरूरी दवाएं होती हैं। महिला विग की निरीक्षक पूजा वर्मा ने बताया कि पिछले तीन दिन से बच्चे की नाल काटने, उसे दूध पिलाने व उसकी सुरक्षा को लेकर खास ट्रेनिग दी जा रही है। महिला को साफ कपड़े देने के बाद उसका खयाल रखना होगा। बच्चे को मां का दूध जरूर पिलाना होगा। सीएमएस डॉ.संगीता गोयल ने बताया कि सीमित साधनों में प्रसव कराना चुनौतीभरा काम है,लेकिन प्रशिक्षण के बाद यह काम मुश्किल भी नहीं है। वर्जन..
प्रसव के समय सबसे मुश्किल काम बच्चा पैदा होने के तुरंत बाद नाल काटना होता है। आपदा के समय कैची अथवा ब्लेड से नाल काटकर मां और बच्चे को धागा बांधे जाने से ब्लड को रोका जा सकता है। इससे कोई संक्रमण नहीं होता है। एनडीआरएफ टीम के पास फर्स्ट एड बाक्स होता है। इस बाक्स में कैची, ब्लेड,काटन और जरूरी दवाएं होती हैं। महिला विग की निरीक्षक पूजा वर्मा ने बताया कि पिछले तीन दिन से बच्चे की नाल काटने, उसे दूध पिलाने व उसकी सुरक्षा को लेकर खास ट्रेनिग दी जा रही है। महिला को साफ कपड़े देने के बाद उसका खयाल रखना होगा। बच्चे को मां का दूध जरूर पिलाना होगा। सीएमएस डॉ.संगीता गोयल ने बताया कि सीमित साधनों में प्रसव कराना चुनौतीभरा काम है,लेकिन प्रशिक्षण के बाद यह काम मुश्किल भी नहीं है। वर्जन..