अपनी पहली फिल्म देखने सिनेमा हॉल पहुंचीं साधना, लगा ठहाका, रो पड़ी एक्ट्रेस

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60 के दशक की मशहूर हीरोइनें साधना फिल्म का नाम याद आते ही एक ऐसी एक्ट्रेस की तस्वीर आ जाती है जो न सिर्फ खूबसूरत बल्कि उस जमाने की फैशन आइकॉन भी थी, जो सिनेमा प्रेमियों के दिलों में आ जाती है। माथे पर छोटे बाल कटने की वजह से खास तौर पर मशहूर हुई साधना कट हेयर स्टाइल आज भी लड़कियों को पसंद आती है। कम ही लोग जानते होंगे कि 60 के दशक में साधना फिल्म निर्देशन और निर्माण में कदम रखने वाली पहली अभिनेत्री थीं। साधना द्वारा निर्देशित फिल्म ‘गीता मेरा नाम’। जिस मुकाम तक वह पहुंची थी, उसके सफर के लिए साधना ने बहुत मेहनत की थी. आइए बताते हैं एक्ट्रेस की जिंदगी से जुड़े दिलचस्प किस्से।

हीरोइन बनना चाहती थी साधना
साधना का पूरा नाम साधना शिवदासानी था। उनका जन्म पाकिस्तान के कराची में एक सिंधी परिवार में हुआ था। साधना के पिता हरि शिवदासानी एक हिंदी फिल्म अभिनेता थे। बंटवारे के वक्त साधना का परिवार मुंबई में बस गया था. अपने माता-पिता की इकलौती संतान साधना का पालन-पोषण नाजो में हुआ और उन्होंने 8 साल की उम्र तक स्कूल का चेहरा नहीं देखा। हालाँकि उन्होंने स्नातक की पढ़ाई बाद में की। अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए साधना ने भी छोटी उम्र से ही फिल्मों में हीरोइन बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था.

साधना की पहली फिल्म ‘श्री 420’ थी।
साधना ने 15 साल की उम्र में ही डांस सीखना शुरू कर दिया था और जबरदस्त पकड़ बना ली थी. साधना को पहली बार फिल्म ‘श्री 420’ में काम मिला। फिल्म के मशहूर गाने ‘रमैया वस्ता वैया’ में बतौर एक्स्ट्रा डांसर अभिनय किया। जब फिल्म रिलीज हुई तो साधना ने अपनी पहली फिल्म की खुशी अपने दोस्तों के साथ बांटने का फैसला किया और सिनेमा हॉल पहुंच गईं. लेकिन फिल्म खत्म हुई, गाना आया और चला गया लेकिन साधना सिल्वर स्क्रीन पर नजर नहीं आई. दरअसल, एडिटिंग में उनके हिस्से का डांस काटा गया था। जब मुझे अपने दोस्तों के बीच शर्मिंदगी महसूस हुई, तो मेरी आंखों में आंसू आ गए।

‘लव इन शिमला’ के बाद साधना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा
हालांकि, साधना को उस समय यह नहीं पता था कि उन्हें अपने सीन का इंतजार करने के लिए स्क्रीन पर घूरना नहीं पड़ेगा, बल्कि उनके नाम पर फिल्में चलाई जाएंगी। साधना ने पहली बार फिल्म ‘लव इन शिमला’ में बतौर हीरोइन काम किया था, जिसमें उनके हीरो जॉय मुखर्जी थे। इस फिल्म की जबरदस्त सफलता के बाद एक्ट्रेस को पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा. रातोंरात स्टार बनने वाली साधना को हैंडसम अभिनेता देवानंद का साथ मिला। इन दोनों की जोड़ी को दर्शकों ने काफी पसंद किया था. समय के साथ स्टार साधना की प्रतिष्ठा और प्रसिद्धि बढ़ती गई।

 

साधना को नहीं किया किरदार का रोल!
कहते हैं हर किसी का दिन एक जैसा नहीं होता। जैसे राजेश खन्ना का स्टारडम नहीं रहा, वैसे ही साधना की खूबसूरती भी समय के साथ फीकी पड़ गई। 70 के दशक में जब उनका ग्लैमर कम होने लगा तो उनके लिए कैरेक्टर रोल ऑफर हुए लेकिन साधना इसके लिए तैयार नहीं थीं। उन्हें अपने फैंस के दिलों में बनी खूबसूरत हीरोइन की तस्वीर पर समझौता करना मंजूर नहीं था, इसलिए उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली।

 

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